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कैनेडा में किशोरों के काम के घण्टे निर्धारित करने वाला बिल सदन में पेश

कैनेडा, ३० मार्च। कैनेडा में अपनी जेब खर्च के लिये काम करने वाले किशोरों की न्यूनतम उम्र और सप्ताह में उनके काम के घंटों को निर्धारित करने वाला बिल मंगलवार को श्रम मंत्री जीन बोलेट ने सदन में रखा। प्रस्तावित बिल के अनुसार किशोरों के पार्ट टाइम जॉब शुरू करने की न्यूनतम उम्र १४ वर्ष और उनसे सप्ताह में लिए जाने वाले काम के १६ घण्टे निर्धारित की गई है। इससे किशोरों को पढ़ाई के साथ-साथ जेब खर्च के लिये कमाई भी हो सकेगा। उनके नियोक्ता उनसे निर्धारित १६ घण्टे से अधिक काम करने के लिये नहीं कह सकेगा। ऐसा होने से उनकी पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी। उनका स्कूल आउट का अनुपात कम होगा। इस नए बिल के अनुसार किशोर १७ वर्ष की उम्र तक काम कर सकते हैं। १८ वर्ष पूरे होने पर वे वयस्कों की तरह फुल टाइम जॉब कर सकते हैं।
क्यूबेक हाई स्कूल में पढ़ने वाली १६ साल की एक किशोरी तान्या फॉल्ड्स बताती है कि उन्हें हर बार अपने नियोक्ता के पास जाकर उसे याद दिलाना पड़ता है कि वह सप्ताह में केवल १५ घंटे ही काम कर सकती हैं। इससे अधिक काम करने के लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता है। तान्या का कहना है कि उसके नियोक्ता हमेशा उसे ज्यादा घंटे काम करने के लिए मजबूर करता है, जिसके कारण वह स्कूल नहीं जा पाती हैं। स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिये उसे अक्सर अपने अतिरिक्त काम की जिम्मेदारी दूसरों को देनी पड़ती है। तान्या क्यूबेक हाई स्कूल में पढ़ती है और अपनी जेब खर्च के लिए मैकडॉनल्ड्स में पार्ट टाइम जॉब करती है।
तान्या ने सरकार की इस नये बिल का दिल से स्वागत किया है। इससे किशोरों के रोजगार को नियमित किया जा सकता है। किशोरों को अधिक काम के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
बता दें कि इस प्रस्तावित कानून को मंगलवार को सदन में पेश किया गया, जिसमें किशोरों के काम करने की घंटे निर्धारित किए गए हैं।। स्कूल में पढ़ने के दौरान १७ साल की उम्र तक काम कर सकते हैं। उनके पार्ट टाइम जॉब करने की उम्र १४ वर्ष से लेकर १७ वर्ष तक उम्र निर्धारित की गई है।
क्यूबेक के श्रम मंत्री जीन बोलेट ने बताया कि यह बिल कार्यस्थल पर बच्चों के दुर्घटनाग्रस्त होने से सुरक्षा प्रदान करता है और स्कूल ड्रॉपआउट से बचाता है। बच्चों का पहला जॉब उसकी पढ़ाई है यह प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
एक अध्ययन में यह सामने आया था कि सप्ताह में १६ घंटे तक काम करने के कारण ३१ प्रतिशत बच्चे स्कूल ड्रॉपआउट हो जाते हैं। इसलिये सरकार को काम के घण्टों को निर्धारित करने ले लिये नया बिल लेकर आना पड़ा।
वहीं कुछ किशोर काम के घंटे बढ़ाने के पक्ष में हैं। उनका मानना है कि ज्यादा घंटे काम करने से उन्हें ज्यादा पैसे मिलेंगे और इससे उन्हें अपने माता-पिता पर पैसों के लिए निर्भरता खत्म होगी। अपने खुद के कमाए पैसे से वह अपने पसंद की जगह पर घूमने जा सकते हैं।
सरकार ने कनाडा में किशोरों के काम करने की न्यूनतम उम्र १४ वर्ष निर्धारित किया है यदि नियोक्ता किशोरों से निर्धारित समय से अधिक काम लेते हुए पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके पहली गलती के लिए उन पर १२००० डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि देश में लेबर की संख्या कम होने को किशोरों के कंधे पर अतिरिक्त जिम्मेदारी का बोझ नहीं डाल सकते।

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