इस्लामाबाद, ०८ मार्च। इस्लामाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में तोशखना मामले में उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को निलंबित करने की मांग की गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने पहले मामले की संक्षिप्त सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसकी अब घोषणा की। सोमवार की सुनवाई के दौरान खान के वकील अली बुखारी, कैसर इमाम और गोहर अली खान अदालत में पेश हुए।
बुखारी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल ने हमेशा अदालत के आदेशों का पालन किया है। जबकि इमाम ने तर्क दिया कि अगर खान पेश होने को तैयार हैं, तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती है।
इस पर न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि पीटीआई प्रमुख वारंट के निलंबन के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते थे। हालांकि, इमाम ने न्यायाधीश से कहा कि वे चाहते हैं कि सत्र अदालत वारंट को निलंबित करे। जबकि बुखारी ने कहा, इमरान खान अदालत में पेश होने का तरीका जानना चाहते हैं।
इमाम ने कहा कि चुनाव अधिनियम २०१७ के तहत पीटीआई प्रमुख के खिलाफ एक निजी शिकायत दर्ज की गई थी। उन्होंने तर्क दिया कि आमतौर पर एक निजी शिकायत पर गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया जाता है और अदालत से वारंट को निलंबित करने का आग्रह किया।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि पीटीआई प्रमुख के वकील ने उन्हें सूचित किया था कि उनका मुवक्किल अदालत में पेश नहीं होगा। इसके बाद जज ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। २८ फरवरी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने तोशखाना मामले में लगातार अदालत में पेश नहीं होने पर पूर्व प्रधानमंत्री का गैर जमानती वारंट जारी किया था।
अदालत के आदेश के अनुसार, रविवार को इस्लामाबाद पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तारी वारंट को लागू करने के लिए एक पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जमान पार्क का दौरा किया था। लेकिन ऐसा करने में असफल रहे। पीटीआई प्रमुख ने मामले में गिरफ्तारी के बाद की जमानत के लिए आज लाहौर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
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