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बलूचिस्तान में बड़ा हमला, १५ लोगों की मौत; गोलीबारी में ९ विद्रोही ढेर

कराची । अशांत बलूचिस्तान में भारी हथियारों से लैस विद्रोहियों ने तीन समन्वित हमले किए, जिनमें १५ लोगों की मौत की खबर सामने आई है। इस दौरान गोलीबारी शुरू हो गई, जिसमें नौ विद्रोही ढेर हो गए।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि तीन हमलों में से एक हमला उच्च सुरक्षा वाली जेल पर भी किया गया। उन्होंने बताया कि ये हमले सोमवार को प्रांतीय राजधानी क्वेटा से करीब ७० किलोमीटर दूर माच शहर में हुए।
मंगलवार रात ‘इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स’ (आईएसपीआर) की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि २९ और ३० जनवरी की रात को, आत्मघाती हमलावरों सहित कई विद्रोहियों ने बलूचिस्तान में माच और कोलपुर परिसरों पर हमला किया। विज्ञप्ति के अनुसार, हमलों का कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने प्रभावी ढंग से जवाब दिया। इस दौरान हुई गोलीबारी में नौ विद्रोही मारे गए और तीन घायल हो गए जिन्हें सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया। हमले के बीच विद्रोहियों ने उच्च सुरक्षा वाली केंद्रीय माच जेल में घुसने की कोशिश की, जहां कुछ खतरनाक आतंकवादी और ऐसे कैदी हैं जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है।
आईएसपीआर ने चार सुरक्षाकर्मियों और दो नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि की। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बल तुरंत तैनात हो गए हैं और विद्रोही हमलावरों को पकडऩे के लिए अभियान चला रहे हैं। बयान में कहा गया, ‘तीन आत्मघाती हमलावरों सहित नौ विद्रोहियो को मार दिया गया है, जबकि तीन घायल हुए हैं।’ एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पहले कहा था कि केंद्रीय माच जेल पर कम से कम १५ रॉकेट दागे गए।
प्रतिबंधित अलगाववादी समूह ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ (बीएलए), मजीद समूह ने हमलों की जिम्मेदारी ली है। हमलों के बाद, सुरक्षा बलों और पहाड़ों में पीछे हटने की कोशिश कर रहे हमलावरों के बीच कई घंटे भारी गोलीबारी हुई। बलूचिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री जान अचकजई ने कहा कि माच में अंतिम निकासी अभियान अभी भी जारी है। अचकजई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ”क्षेत्र में स्थिति काबू में है। सुरक्षा बलों पर यह हमला इस साल आतंकवादियों द्वारा किया गया सबसे घातक हमला है। पिछले साल नवंबर में बंदरगाह शहर ग्वादर में विद्रोहियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में कम से कम १४ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
यह हमला पाकिस्तानी हमलों का स्पष्ट प्रतिशोध था, जिसे देश ने जनवरी की शुरुआत में ईरान में विद्रोहियों के ठिकाने बताया था। बीएलए ने १८ जनवरी को ईरान में उनके शिविरों पर पाकिस्तान के हमलों के बाद बलूचिस्तान और अन्य जगहों पर सुरक्षा बलों पर हमले शुरू करने की धमकी दी थी। ईरान में बीएलए के शिविरों पर हमलों में कम से कम नौ लोग मारे गए थे। ये हमले पाकिस्तान में ईरानी हमले के जवाब में किए गए थे।

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