नई दिल्ली ,१३ दिसंबर। एप्पल का लक्ष्य भारत में प्रति वर्ष ५० मिलियन से अधिक आईफोन निर्माण करने का है। उसका फोकस कुछ प्रोडक्शन चीन से बाहर शिफ्ट करना है।
एक रिपोर्ट में घटनाक्रम से जुड़े लोगों का हवाला देते हुए कहा गया है कि टेक दिग्गज का लक्ष्य अगले दो से तीन वर्षों के भीतर लक्ष्य हासिल करना है, जिसके बाद अतिरिक्त दसियों लाख इकाइयों की योजना बनाई जाएगी।
अगर एप्पल इस लक्ष्य को हासिल कर लेता है तो विश्व में आईफोन उत्पादन (प्रोडक्शन) में भारत की हिस्सेदारी एक चौथाई हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अभी भी सबसे बड़ा आईफोन निर्माता बना रहेगा।
एप्पल को एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वह अपना प्रोडक्शन चीन से बाहर शिफ्ट करने की योजना बना रहा है।
इसका मुख्य आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन भारत में और अधिक कारखाने बनाने की योजना बना रहा है, क्योंकि टाटा समूह अब भारत के सबसे बड़े आईफोन असेंबली प्लांट्स में से एक का निर्माण करने के लिए तैयार है।
सरकार और उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष २०२३-२४ में अप्रैल-अगस्त की अवधि में भारत में ५.५ बिलियन डॉलर (४५,००० करोड़ रुपये से अधिक) का मोबाइल फोन निर्यात हुआ।
वाणिज्य विभाग और इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अनुमान के अनुसार, अप्रैल-अगस्त की अवधि में ५.५ अरब डॉलर का मोबाइल फोन निर्यात हुआ, जबकि वित्त वर्ष २०२२-२३ की समान अवधि में यह ३ अरब डॉलर (लगभग २५,००० करोड़ रुपये) था।
अप्रैल-अगस्त की अवधि में भारत निर्मित फोन निर्यात में एप्पल सबसे आगे रहा और पहली बार कुल अनुमानित आंकड़े के ५० प्रतिशत से अधिक को पार कर गए। इसके बाद सैमसंग रहा।
जून तिमाही में, एप्पल ने सैमसंग के ४५ प्रतिशत निर्यात की तुलना में देश के कुल १२ मिलियन स्मार्टफोन शिपमेंट में से लगभग ५० प्रतिशत का निर्यात किया।
भारत चालू वित्त वर्ष में मोबाइल फोन निर्यात में १२०,००० करोड़ रुपये को पार करने के लिए तैयार है, जिसमें एप्पल वित्त वर्ष २०२३-२४ में ५० प्रतिशत से अधिक के साथ बाजार में आगे रहेगा।
