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अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव: दिलचस्प होती जंग

अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव दुनिया भर में दिलचस्पी का केंद्र रहता है। फिलहाल, ७७ वर्षीय ट्रंप बाकी सभी रिपब्लिकनों से आगे हैं। ट्रंप के कार्यकाल में उप-राष्ट्रपति रहे माईक पेंस सहित कई उम्मीदवार मैदान छोड़ रहे हैं। विवेक रामास्वामी, जिनके बारे में कहा जाता था कि वे ट्रंप के अलावा बाकी सभी उम्मीदवारों से आगे रहेंगे – अपनी चमक-दमक और गति खोते जा रहे हैं। हालांकि दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर और ट्रंप के कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरीका की राजदूत रहीं निक्की हैली आश्चर्यजनक तेजी से उभर रही हैं। कड़े मुकाबले भरे पिछले तीन डिबेट्स में उनका प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है।
उनके प्रतिद्वंदियों ने लगातार उन पर वार किए। राजनीति में यह आपके आगे बढऩे का संकेत होता है! डीसानटिस ने पहले से ही हैली द्वारा गवर्नर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चीनी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों को लेकर उनकी आलोचना करने वाले विज्ञापन देना प्रारंभ कर दिया है, जिसमें और तेजी और तल्खी आने की संभावना है। विवेक रामास्वामी तो शुरूआत से ही उन्हें ट्रोल करते रहे हैं। हाल ही में हुई डिबेट के दौरान एक बार उन्होंने अपना पैड उठाकर दिखाया जिस पर उन्होंने लिखा था “निक्की = भ्रष्ट”।
जब उन्होंने हैली पर ‘पहचान की राजनीति’ करने का आरोप लगाया तो श्रोताओं ने उन्हें हूट किया। और जब हैली से पूछा गया कि क्या वे इस आरोप का जवाब देना चाहेंगी, तो उन्होंने कहा, “नहीं। मैं अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहूंगी”। दर्शकों ने इस पर उन्हें जम कर चीयर किया।
निक्की ने साबित कर दिया है कि वे एक लड़ाकू वक्ता हैं। वे अपने प्रतिद्वंदियों पर तीखे प्रहार करती हैं। और आम लोग, प्रचारक और प्रायोजक जिंदादिल निक्की को पसंद कर रहे हैं। उन्हें ऐसे रईस दानदाताओं से भरपूर धन और प्रचार हेतु अन्य संसाधन मिल रहे हैं जो ट्रंप का विकल्प तलाश रहे हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि अब दूसरे स्थान के लिए उनके और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसानटिस के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। डीसानटिस को पहले काफी मज़बूत माना जा रहा था। निक्की के कुछ समर्थक डीसानटिस को छोड़कर उनके साथ आये हैं तो कुछ दक्षिण कैरोलिना के सीनेटर टिम स्कॉट को छोड़कर। टिम ने १२ नवम्बर को रेस को अलविदा कह दिया था।
लेकिन इस सबके बावजूद, निक्की मतों की दृष्टि से डीसानटिस और ट्रंप से बहुत पीछे हैं। और जैसे-जैसे मुकाबला कड़ा होता जा रहा है, वह अधिकाधिक दिलचस्प भी हो रहा है। ट्रंप को हालांकि अच्छी-खासी बढ़त हासिल है, लेकिन यदि वे लडख़ड़ाते हैं या उन्हें जल्दी ही कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ता है, तो सिर्फ रिपब्लिकन प्रायमरी ही नहीं बदलेंगी आगे का माहौल भी बदलेगा।

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