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americas image at stake in israel hamas-war

इसराइल-हमास युद्ध में दांव पर अमेरिका की छवि

अमेरिका भले ही मध्य-पूर्व को बहुत महत्व दे रहा हो परंतु इसमें कोई संदेह नहीं कि इस इलाके में बाइडेन ओैर अमेरिका दोनो की छवि तार-तार हो चुकी है। अमेरिका अपने जंगी जहाज इजराइल की ओर रवाना कर चुका है और बाइडेन स्वयं भी इजराइल पहुंचे हैं। इन दोनों कदमों का उद्देश्य ईरान और उसके साथियों को यह संदेश देना है कि वे किसी प्रकार की सैन्य कार्यवाही करने का ख्याल छोड़ दें। इससे अरब देशों को यह संदेश जा रहा है कि अमेरिकी सरकार न केवल फिलस्तीनियों की बदहाली को नजरअंदाज कर रही है वरन् इस बदहाली की जड़- इजराइल के कब्जे- को बनाए रखने रखने में भी मददगार है। पूरे अरब प्रायद्वीप में ‘डेथ टू अमेरिका’ का नारा गूंज रहा है। शुक्रवार को अमेरिका के मित्र देश बहरीन में एक विरोध प्रदर्शन में भी यह नारा लगाया गया। जॉर्डन ने वार्ताएं स्थगित करते हुए कहा कि अब बातचीत का कोई अर्थ नहीं है और सबसे पहले युद्ध बंद किया जाना चाहिए।

अमेरिका की छवि को जो नुकसान पहुंचा है उसके चलते बाइडेन के लिए युद्ध रूकवाना और अमन की बहाली करवाना एक कठिन चुनौती होगी। जाहिर है कि बाइडेन जोखिम भरे रास्ते पर चल रहे हैं। मुझे लगता है कि वे सफलता पाने के लिए बहुत आतुर हैं। यूक्रेन-रूस युद्ध के मामले में वे कुछ विशेष नहीं कर पाए। अब वे चाहते हैं कि चुनाव में उतरने से पहले कम से कम एक सफलता उनके हाथ लग जाए।

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