मुंबई, १४ फरवरी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने विमेंस प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की पांचों फ्रेंचाइजियों को क्रिप्टोकरेंसी, सट्टेबाजी, जुआ या तंबाकू कंपनियों का प्रचार न करने का आदेश दिया है।
बीसीसीआई ने एक वाणिज्यिक नियमावली जारी करते हुए टीमों को चेतावनी दी है कि प्रतिबंधित कंपनियों के साथ संबंध स्थापित करने या जर्सी पर उनका प्रचार करने से उनके विरुद्ध ‘दंडात्मक उपाय’ अपनाये जा सकते हैं। बीसीसीआई ने आदेश दिया है कि टीमें डब्ल्यूपीएल शुरू होने से १० पहले अपने सभी वाणिज्यिक समझौतों की सूची बोर्ड को उपलब्ध करायें ।
बीसीसीआई के दस्तावेज में कहा गया, कोई भी फ्रेंचाइजी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र में शामिल किसी भी कंपनी के साथ साझेदारी या किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। यह दिशानिर्देश डब्ल्यूपीएल नियमों का हिस्सा हैं और इनका उल्लंघन करने पर (फ्रेंचाइजी से) परिचालन नियमों की धारा छह के नियमों के अनुसार निपटा जायेगा। फ्रेंचाइजी को अपने प्रायोजकों द्वारा उपयोग किये जाने वाले अधिकारों और लाभों का पूरा विवरण सीजन की शुरुआत से कम से कम १० दिन पहले प्रदान करना होगा, जिसे बीसीसीआई से साझा किया जायेगा।
बीसीसीआई ने कहा, कोई भी फ्रेंचाइजी किसी इकाई के साथ साझेदारी या किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करेगी जो किसी भी तरह से सट्टेबाजी/जुआ/असली पैसे के खेल/तंबाकू क्षेत्र में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल/संचालन करने वाली इकाई से जुड़ा/संबंधित है। फ्रेंचाइजी फैंटेसी स्पोर्ट्स क्षेत्र में संस्थाओं के साथ साझेदारी में संलग्न हो सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने सट्टेबाजी और क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगायी हुई है, हालांकि फैंटेसी खेलों को किस्मत से ज्यादा कौशल पर आधारित माना गया है।
डब्ल्यूपीएल के पहले संस्करण का आयोजन चार मार्च से होना है। इस टूर्नामेंट में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, मुंबई इंडियन्स, दिल्ली कैपिटल्स , गुजरात जायंट्स और यूपी वॉरियर्स सहित पांच टीमें हिस्सा ले रही हैं।
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