इस्लामाबाद, २९ जनवरी। पाकिस्तान में कराची के केमारी इलाके में एक रहस्यमय बीमारी से १४ बच्चों समेत १८ लोगों की मौत हो गई। पाकिस्तान के इस दक्षिणी बंदरगाह शहर में स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी मौत के कारणों का पता नहीं लगा पाए हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक अब्दुल हमीद जुमानी ने इसकी पुष्टि की कि केमारी के मावाच गोथ इलाके में १० से २५ जनवरी के बीच रहस्यमयी बीमारी से १४ बच्चों सहित १८ लोगों की मौत हो गई।
अब्दुल हमीद जुमानी ने कहा, इन मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए एक स्वास्थ्य टीम अभी काम कर रही है, लेकिन हमें संदेह है कि यह समुद्र या पानी से संबंधित हो सकता है क्योंकि गोथ (गांव) जहां ये मौतें हुई हैं, वह तटीय क्षेत्र के बेहद करीब है।
मावाच गोथ एक झुग्गी बस्ती क्षेत्र है जहां के लोग ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर या मछुआरे रहते हैं। जुमानी ने कहा कि मृतकों के परिजनों ने पुष्टि की थी कि मरने से पहले उनके परिजनों को तेज बुखार, गले में सूजन और सांस लेने में तकलीफ हुई थी।
अधिकारी ने कहा, कुछ लोगों ने यह भी शिकायत की है कि पिछले दो हफ्तों में क्षेत्र में एक अजीब सी गंध आ रही है। केमारी के उपायुक्त मुख्तार अली अब्रो ने कहा कि उन्होंने इस सिलसिले में एक फैक्टरी मालिक को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य की पर्यावरणीय एजेंसी को बुलाया था जिसने इस क्षेत्र में संचालित तीन फैक्टरी से नमूने एकत्र किए।
सिंध केंद्र (रासायनिक विज्ञान) के प्रमुख इकबाल चौधरी ने कहा कि उन्होंने फैक्टरियों से सोयाबीन के कुछ नमूने एक्तर किए हैं और उन्हें लगता है कि मौत का कारण सोया एलर्जी भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि हवा में सोयाबीन के धूल के कण भी गंभीर बीमारियों और मौतों का कारण बन सकते हैं और वायु प्रदूषण और मौसम एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। चौधरी ने कहा कि हम अभी किसी तय नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं और नमूनों की जांच की जा रही है।
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