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China's population decreased for the first time in 60 years, may soon become a country of the elderly

६० साल में पहली बार घटी चीन की आबादी, जल्द बन सकता है बुजुर्गों का देश

बीजिंग, १८ जनवरी । चीन की आबादी में ६० साल में पहली बार गिरावट आई है और यह २०२२ में ८५०,००० घटकर १.४११ अरब हो गई है। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सांख्यिकीय कार्यालय ने एक बयान में कहा कि २०२२ के अंत तक राष्ट्रीय जनसंख्या १.४११७५ अरब थी (३१ प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और नगर पालिकाओं और सैनिकों की जनसंख्या सहित, लेकिन हांगकांग, मकाओ और ताइवान के निवासियों और ३१ प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और नगर पालिकाओं में रहने वाले विदेशियों को छोड़कर) २०२१ के अंत में जनसंख्या में आठ लाख ५० हजार की कमी आई थी।
बयान में कहा गया है कि चीन में पुरुष जनसंख्या ७२२०.०६ लाख थी, जबकि महिला जनसंख्या ६८९०.६९ लाख थी, और कुल जनसंख्या का लिंगानुपात १०४.६९ था (महिला १०० है)। सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार २०२२ में जन्म की संख्या ६.७७ प्रति हजार के साथ ९०.५६ लाख थी और मौतों की संख्या एक करोड़ ४१ लाख थी, मृत्यु दर ७.३७ प्रति हजार थी; प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि दर शून्य से ०.६० प्रति हजार थी।
ब्यूरो ने यह भी कहा कि १६ से ५९ वर्ष की कामकाजी उम्र में जनसंख्या ८७५०.६ लाख (चीनी कुल जनसंख्या का ६२ प्रतिशत ) थी। ६० और उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या २८०० लाख (१९.८ प्रतिशत) और जनसंख्या (६५ और उससे अधिक) २०९०.८ लाख (१४.९ प्रतिशत) था। बुजुर्ग होती जनसंख्या के चलते चीन के सरकारी खजाने पर भी बोझ बढ़ रहा है और चीन की सरकार को बुजुर्गों की देखभाल और पेंशन आदि पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।
अति जनसंख्या को रोकने के लिए १९७९ में शुरू की गई एक बच्चा नीति से चीनी आबादी का लिंग संतुलन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था। इस नीति के तहत शहरी परिवारों को केवल एक बच्चा पैदा करने का अधिकार था, जबकि ग्रामीण परिवारों को दो बच्चे हो सकते थे, लेकिन केवल अगर पहली लड़की हो तो।
चीन के अधिकारियों ने २०१३ में प्रतिबंधों में ढील दी। पति-पत्नी में से कम से कम एक परिवार में एकमात्र बच्चा था, को दूसरा बच्चा पैदा करने की अनुमति थी। बाद में २०१६ में, सभी जोड़ों को दूसरा बच्चा पैदा करने की अनुमति दी गई। हालांकि उपायों से न केवल जन्म दर में उछाल आया, बल्कि इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ा।
अधिकारियों ने २०२१ की गर्मियों में जनसंख्या कानून में संशोधन की मंजूरी दी। संशोधनों ने परिवारों को तीसरा बच्चा पैदा करने की अनुमति दी और पहले लगाए गए सभी जुर्माने रद्द कर दिए।

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