इस्लामाबाद,०४ जून। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाला भेदभाव किसी से छुपा हुआ नहीं है। केवल धार्मिक व सामाजिक मामलों में ही नहीं बल्कि रोज़गार को लेकर भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ ज्यादती हो रही है। यहां लगभग ८० प्रतिशत गैर-मुस्लिमों को बाकियों की तुलना में कम वेतन मिलता है। यहां तक कि सरकारी विभागों में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित पद आधे से ज़्यादा अभी भी ख़ाली हैं।
यूरोपीय संघ की रिपोर्ट में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NCHR ) के हवाले से यह जानकारी देते हुए बताया गया कि काम के दौरान अगर कर्मचारी घायल हो जाते हैं, या मौत हो जाती है तो उनके परिवारों को मुआवजा देने में भी भेदभाव किया जाता है।
रिपोर्ट में उन कर्मचारियों के दर्द को भी बताया गया है जो बिना किसी सुरक्षा के साथ जोखिम का काम करते हैं। इतना ही नहीं में स्वच्छता कर्मचारियों को भी बहिष्कार, कलंक, भेदभाव और अलग तरह के माहौल का सामना करना पड़ता है। इससे कई कर्मचारियों की मौत भी हुई है।स्थिति को सुधारने के लिए आयोग ने कुछ सिफारिशें भी दी हैं। आयोग का कहना है कि जहां सफाई कर्मचारियों की मौत या घायल होने का खतरा है, वहां शारीरिक श्रम के बजाय मशीनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और उन्हें सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा दी जानी चाहिए। इसके साथ ही रोजगार कोटे में अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव खत्म होना चाहिए।