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कट रहे पेड़ तो क्या, भटक रहे पक्षियों के लिए बढ़ रहे हैं हाथ

ग्रेटर नोएडा। आज के दौर में जिस तेजी से जंगल इलाके खत्म हो रहे हैं, उसी तेजी से वन्यजीवों के संरक्षण के लिए भी लोग आगे आ रहे हैं। ये लोग पेड़-पौधों के कटने से बेआसरा हो रहे पशु-पक्षियों के लिए सहारा बन रहे हैं। ऐसे लोगों में यहां के पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड़ भी शामिल हैं, जो अपनी संस्था और अन्य लोगों के साथ मिलकर ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर वेटलैंड के आसपास पेड़ों के कटने से परेशान पक्षियों के लिए घोंसले तैयार कर रहे हैं। अपनी इस मुहीम को उन्होंने वर्ल्ड हाउस मेकिंग नाम दिया है, जिसके तहत वे अब तक 100 से अधिक घोंसले बनाकर जंगल एरिया में पक्षियों को ठौर दे चुके हैं।
विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि आज जहां प्रदूषण से वातावरण खराब हो रहा है, वहीं जंगल इलाकों में बड़ी-बड़ी इमारतें नजर आ रही हैं। ऐसे में पेड़-पौधों के कटने से न सिर्फ परिंदों के लिए ठौर खत्म हो रहे हैं, बल्कि उनकी जान भी खतरे में है। उन्होंने बताया कि सोशल ऐक्शन फॉर फॉरेस्ट ऐंड इन्वाइरन्मेंट के माध्यम से नेचर वॉक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आईटी, बैंक आदि सेक्टरों के युवा काफी संख्या में हिस्सा ले रहे हैं। नेचर वॉक का एक हिस्सा वर्ल्ड हाउस मेकिंग भी है। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड हाउस मेकिंग अभियान के तहत उनकी संस्था लोगों को एकजुट कर उन्हें सूरजपुर वेटलैंड में घुमाते हैं। इस दौरान पक्षियों के लिए घास-फूस के आशियाना बनाकर वेटलैंड में टांगते हैं। कुछ लोग अपने ऐसे कृत्रिम घोंसले अपने घर पर भी लगा रहे हैं, जिससे पक्षियों को आशियाना मिल सके। वे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को जागरूक कर उन्हें पक्षियों के लिए हाउस मेकिंग कार्य से जोड़ रहे हैं। वे सूरजपुर वेटलैंड में जगह-जगह करीब 100 से अधिक घोंसले लगा चुके हैं। साथ ही लोगों को घोंसले बनाकर अपने घरों में टांगने की अपील भी कर रहे हैं।

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