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कर्नाटक में ‘ऑपरेशन लोटस’ के फिर से मुरझाने का खतरा, BJP को मिलेगा 16 विधायकों का साथ?

बेंगलुरु/मुंबई। कर्नाटक में सियासी घमासान जारी है। कांग्रेस-जेडी(एस) गठबंधन सरकार अपने 13 विधायकों को लेकर असमंजस की स्थिति में है जिनमें से 10 कांग्रेस के हैं और 2 निर्दलीय। ये विधायक विधानसभा के बजट सत्र से लगातार दूसरे दिन भी नदारद रहे। सरकार को डर है कि कहीं इन विधायकों की गैरमौजूदगी भारतीय जनता पार्टी के ऑपरेशन लोटस की सफलता की ओर इशारा तो नहीं। हालांकि, अभी भी आंकड़े पूरी तरह पक्ष में नहीं होने से बीजेपी भी ऑपरेशन लोटस की सफलता को लेकर संशय में है। मुंबई में बीजेपी सूत्रों की मानें तो गायब विधायकों में से 12 इस हफ्ते की शुरुआत के साथ ही यहां रुके हैं और एक विधायक हाल में ही में वहां पहुंचे हैं। एक पार्टी कार्यकर्ता ने बताया कि 13 में से 6 पवई स्थित रेनेसॉ होटेल में और बाकी सांताक्रूज के होटेल सहारा प्लाजा में है। इस मामले की जानकारी रखने वाले महाराष्ट्र बीजेपी के एक कैबिनेट मंत्री ने उन अटकलों को बल दिया है कि पार्टी अभी भी आंकड़ों की तिकड़म लगाने की जुगत कर रही है। हालांकि, अगर कम से कम 16 विधायक बीजेपी के साथ नहीं आए तो कर्नाटक सरकार को गिराने का ऑपरेशन फेल हो जाएगा।
एक बीजेपी नेता ने बताया, ‘यह ऑपरेशन चुपचाप किया जाना था लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी की शहरी इकाई ने गड़बड़ कर दी है। पार्टी के अंदर ही लड़ाइयां होने से हमारे प्लान को नुकसान पहुंचा है। शहर की यूनिट को केवल तैयारियां करनी थीं लेकिन ऐसा लगता है कि वे वाहवाही लूटने के मौके ढूंढ रहे हैं। अगर ऑपरेशन लोटस फेल हो गया तो कोई बीजेपी को गंभीरता से नहीं लेगा।’ एक अन्य नेता ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र भी गुरुवार को मुंबई में थे। पिछले महीने भी बीजेपी ने कर्नाटक सरकार को गिराने की कोशिश की थी। उस वक्त पार्टी की मुंबई यूनिट को बागी कांग्रेस विधायकों को रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। हालांकि, ऑपरेशन बुरी तरह फेल हो गया जिसके बाद विधायक प्रसाद लाड को शामिल किया गया। लाड ने हाल ही में बीजेपी में जॉइन की है। उन्हें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का खास माना जाता है। बेंगलुरु से गायब 10 कांग्रेसी विधायकों में से चार विधायक जनवरी से ही गायब हैं जब कांग्रेस ने अपने विधायकों को ईगलन रिजॉर्ट में रखा था। कांग्रेस ने तब बीजेपी पर विधायकों को खरीदने की कोशिश का आरोप लगाया था। एक बीजेपी कार्यकर्ता के मुताबिक मुंबई गए विधायकों में महेश के, डॉ उमेश जाधव, बी नागेंद्र, रमेश झारकीहोली, बीसी पाटिल, प्रताप गौड़ा पाटिल, बी नाईक, डॉ सुधाकर एन, एमटीबी नागराजू और बसनगौड़ा ड्डल हैं जबकि जेडी(एस) के केएस लिंगेश और निर्दलीय एच नागेश और आर शंकर भी गायब हैं।
इस बीच जेडी(एस) विधायक नारायण गौड़ा ने सफाई दी है कि फूड पॉइजनिंग के कारण वह अस्पताल में भर्ती हैं और डॉक्टरों ने उन्हें बाहर नहीं जाने के लिए कहा है। उन्होंने बताया, ‘मैं विधायक दल की बैठक और बजट सत्र में हिस्सा नहीं ले सका लेकिन मैंने अपने नेता कुमारस्वामी और स्पीकर को इस बारे में सूचना दे दी है।’ उधर, बेंगलुरु में विधानसभा में काफी हंगामा रहा। बीजेपी विधायकों ने दूसरे दिन सदन की कार्यवाही के बीच नारेबाजी की और राज्यपाल वजूभाई वाला के भाषण के बीच वॉकआउट किया। उन लोगों ने आरोप लगाया कि गठबंधन की सरकार के पास विधायकों की जरूरी संख्या नहीं है। हालांकि, सदन में बीजेपी नेता और राज्य बीजेपी के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि उनकी पार्टी गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी और न ही सीएम एचडी कुमारस्वामी को बजट पेश करने से रोकेगी। उन्होंने दावा किया कि कम विधायकों के होने से सरकार खुद ही गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदर बगावत और गठबंधन के साथियों के बीच मतभेद के कारण सरकार किनारे पर खड़ी है। कुमारस्वामी को शुक्रवार को सदन में बजट पेश करना है। 225 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 80, जेडी(एस) के 37, बीजेपी के 104, 1 बहुजन समाज पार्टी, 1 केपीजेपी, दो निर्दलीय और एक मनोनीत ऐंग्लो-इंडियन सदस्य हैं।

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