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नाबालिग रेप पीड़िता ने बेटे को दिया जन्म, अब कोर्ट में आरोपी का जुर्म साबित करने के लिए करेगी पेश

मुरादाबाद। एक नाबालिग रेप पीड़िता ने शुक्रवार को मेरठ मेडिकल कॉलेज में बेटे को जन्म दिया। पीड़िता ने अब फैसला किया है कि वह कोर्ट में अपने बेटे को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करके रेप आरोपी को सजा दिलाएंगी। मुरादाबाद सीनियर सुपरिंटिंडेंट ऑफ पुलिस रविंद्र गौड़ ने बताया कि पुलिस अब POCSO कोर्ट में नवजात के डीएनए टेस्ट के लिए मांग करेगी। पीड़िता और नवजात की सुरक्षा के लिए अस्पताल और उनके घर के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। भारी पुलिस बल को मैटरनिटी वॉर्ड के बाहर तैनात किया गया है। रेप का मामला पिछले अगस्त में सामने आया था जब 10वीं क्लास में पढ़ने वाली पीड़िता ने एसएसपी के पास शिकायत की थी। तब तक वह तीन माह की गर्भवती हो गई थी। पीड़िता ने 55 साल के स्थानीय व्यापारी नरेश सक्सेना के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में पता चला कि पीड़िता नरेश के घर पर काम करती थी। पुलिस ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया था और उसकी पत्नी गीता को नाबालिग को अवैध तरीके से रखने के लिए सह-आरोपी बनाया था। दोनों के खिलाफ अगस्त 2018 में IPC और POCSO की अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था। आरोपी का DNA सैंपल लेकर फरेंसिक लैब में भेजा गया था। अडिशनल जिला और सत्र जज ने गीता को जमानत पर छोड़ दिया था और नरेश को मुरादाबाद जिला जेल में भेज दिया था। सब इंस्पेक्टर ज्योति सिंह ने बताया, ‘पीड़िता ने पुलिस को बताया कि नरेश और उसकी पत्नी ने उसके पिता से कहकर उसे अपने घर पर काम पर रखवाया था। उन लोगों ने वादा किया था कि उसकी पढ़ाई करवाएंगे। हालांकि, पत्नी और बहू की गैर-मौजूदगी में नरेश ने तीन महीनों तक पीड़िता के साथ रेप किया। एक दिन वह घर से भागने में कामयाब रही और घरवालों को सबकुछ बताया।’ एसएसपी गौड़ ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से DNA टेस्ट की इजाजत मांगी है। उनका कहना है कि नाबालिग को इंसाफ दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आरोपी को सजा मिले। पीड़िता के भाई का कहना है कि उनकी बहन की कोई गलती नहीं है, इसलिए वे लोग बच्चे को अपनाएंगे और न्याय के लिए लड़ते रहेंगे।

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