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नागरिकता विधेयक पर बीजेपी में ही फूट, राम माधव पहुंचे असम

गुवाहाटी। असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी आंच अब सत्ताधारी पार्टी बीजेपी तक पहुंच गई है और पार्टी के भीतर ही विरोधी स्वर उभरने लगे हैं। इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव गुरुवार को असम पहुंच गए हैं और उन्होंने विधेयक का विरोध कर रहे विधायकों से मुलाकात की है। राम माधव ने विरोध कर रहे नेताओं के बीच नागरिकता विधेयक को लेकर उभर रहीं अफवाहों को सिरे से खारिज किया। पिछले चार दिनों में चार बीजेपी विधायक अतुल बोरा, देबानंद हजारिका, रितुपर्णा बरुआ और पद्मा हजारिका बिल के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। इससे पहले असम विधानसभा स्पीकर हितेंद्र नाथ गोस्वामी भी बिल को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं। असम पहुंचने पर राम माधव ने कहा, ‘बिल के खिलाफ एक सुनियोजित अभियान के तहत अफवाह फैलाई गई है। लोगों में बिल से जुड़े कुछ बिंदुओं को लेकर भय पैदा किया है और हम इसे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह दुष्प्रचार बंद होना चाहिए।’
राम माधव जिस अफवाह की बात कर रहे हैं, वह दरअसल है कि ‘इस बिल के बाद किसी को भी नागरिकता दे दी जाएगी।’ राम माधव ने कहा, ‘संशोधित विधेयक के तहत नागरिकता देने का एक पूरा प्रोसेस है और यह उन्हीं के लिए जो भारत में 31 दिसंबर 2014 तक निवास कर रहे थे। इसके अलावा नागरिकता पर तभी विचार किया जाएगा जब उन्होंने भारत में कम से कम सात साल निवास किया हो। जिला प्रशासन की जांच के बाद ही संबंधित राज्य उस व्यक्ति का नागरिकता संबंधी आवेदन आगे बढ़ाएंगे।’ उन्होंने असम में अपने सहयोगी दल असम गण परिषद की नाराजगी दूर करने की भी कोशिश की। उन्होंने पार्टी से अपील की कि वह राज्य में बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के अपने फैसले पर विचार करे।

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