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फ्रांस ने भारत से आधे दाम में राफेल का ऑर्डर देने का किया खंडन

नई दिल्ली। फ्रांस के साथ राफेल डील पर एक नया विवाद शुरू हो गया है। फ्रांस सरकार ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें दावा किया जा रहा था कि भारत को जिस कीमत पर विमान दिए गए, उसकी आधी कीमत पर उसने अपनी एयर फोर्स के लिए सोमवार को 28 राफेल जेट का ऑर्डर दिया है। फ्रांस सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह 2 बिलियन यूरो से 28 नए राफेल जेट नहीं खरीद रही है, बल्कि यह मौजूदा विमानों को अपग्रेड करने के लिए दिया जा रहा है। दरअसल, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि फ्रांस सरकार ने सोमवार को 2 बिलियन यूरो में अपनी वायु सेना के लिए 28 राफेल जेट्स का ऑर्डर दिया है। फ्रांस सरकार ने रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए कहा, ’28 फाइटर जेट की खरीद के लिए 2 बिलियन यूरो के जिस आंकड़े का हवाला दिया जा रहा है, वह वास्तव में राफेल के नए F4 वैरिएंट के विकास के लिए है। फ्रांस की तरफ से किसी नए एयरक्राफ्ट अधिग्रहण के आदेश जारी नहीं किए गए हैं।’
भारत में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंडर जीगलर ने मंगलवार को ‘नैशनल हेरल्ड’ की उस रिपोर्ट को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि फ्रांस अपने लिए 2 बिलियन यूरो में 28 राफेल खरीद रहा है और भारत को 36 राफेल जेट 7.8 बिलियन यूरो में बेच रहा है। इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए फ्रांसीसी राजदूत ने ट्वीट किया, ‘फ्रांस ने कल किसी भी नए एयरक्राफ्ट एक्विजशन ऑर्डर का ऐलान नहीं किया है! जिस धनराशि का जिक्र किया जा रहा है, वह सिर्फ राफेल के नए F4 स्टैंडर्ड के लिए है। फ्रेंच एयर फोर्स को बाकी 28 एयरक्राफ्टों की डिलिवरी पिछले अधिग्रहण करार का हिस्सा है।’ बता दें कि सितंबर 2016 में एनडीए सरकार के साथ हुई डील के अनुसार फ्रांस भारत को कुल 36 जेट बेचेगा। 2019-22 के समय में यह 36 विमानों की सप्लाइ होगी और यह सभी राफेल जेट F3R वैरिएंट हैं। राफेल का F1 वैरिएंट सबसे पहले तैयार किया गया था, जिसे बाद में F2 में अपग्रेड किया गया। इसके बाद जमीन से जमीन और जमीन से आसमान तक की मारक क्षमता विस्तार के कारण F3 और F3R वैरिएंट लॉन्च किए हए। F4 स्टैंडर्ड की योजना 2024 में पूरी तरह से आकार लेने की है, लेकिन 2022 में यह आंशिक रूप से उपलब्ध रहेगा।
राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस सड़क से संसद तक हंगामा कर रही है। राहुल गांधी का आरोप है कि डील में पारदर्शिता नहीं बरती गई है और निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए ज्यादा कीमत देकर कॉन्ट्रैक्ट किया गया। बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच 7.8 बिलियन यूरो (59,000 करोड़ रुपये) में 36 राफेल फाइटर प्लेन की डील हुई है, जिस पर देश में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।

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