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कांवड़ियों पर फूल बरसाने वाली यूपी पुलिस मुसलमानों को नमाज पढ़ने से है रोकती: ओवैसी

हैदराबाद। यूपी में नोएडा के एक पार्क में पुलिस द्वारा नमाज पढ़ने से रोक लगाने वाले आदेश का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने राज्य पुलिस पर जमकर हमला बोला है। ओवैसी ने ट्वीट कर यूपी पुलिस पर सख्त टिप्पणी करते हुए लिखा कि यहां कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाते हैं लेकिन मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोका जाता है। बता दें कि शहर के एक पार्क में धार्मिक प्रार्थना को लेकर पुलिस ने कंपनियों को नोटिस भेजा है। सेक्टर 58 थाना पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित नोएडा अथॉरिटी पार्क में प्रार्थना या धार्मिक आयोजन पर रोक लगा दी है। पुलिस ने इस एरिया में स्थित सभी कंपनियों को नोटिस भेजकर कहा है कि उनका कोई कर्मचारी अगर अथॉरिटी के पार्क में प्रार्थना करता देखा गया तो कंपनी जिम्मेदार होगी और उसपर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि जिला प्रशासन ने इस नोटिस से पल्ला झाड़ लिया है।
ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘यूपी पुलिस ने वास्तव में कांवड़ियों के लिए पंखुड़ियों की बौछार की, लेकिन सप्ताह में एक बार की जाने वाली नमाज वास्तव में शांति और सद्भाव को बाधित कर सकती है। यह मुसलमानों को बताया जा रहा है कि आप कुछ भी कर लो, गलती तो आपकी ही होगी।’ इतना ही नहीं ओवैसी ने यह भी लिखा, ‘इसके अलावा, कानून के अनुसार, कोई व्यक्ति कर्मचारी अगर व्यक्तिगत तौर पर कुछ करता है तो इसके लिए किसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कैसे उत्तरदायी ठहरा जा सकता है?’ नोएडा पुलिस ने शहर के एक पार्क में नमाज पढ़ने को लेकर कंपनियों को नोटिस भेजा है। इस नोटिस के अनुसार सेक्टर-58 थाना पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित नोएडा अथॉरिटी पार्क में प्रार्थना या धार्मिक आयोजन पर रोक लगा दी है। पुलिस ने इस एरिया में स्थित सभी कंपनियों को नोटिस भेजकर कहा है कि उनका कोई कर्मचारी अगर अथॉरिटी के पार्क में नमाज करता देखा गया तो कंपनी जिम्मेदार होगी और उसपर कार्रवाई की जाएगी। इधर, नोएडा के डीएम बीएन सिंह ने कहा है कि एसएचओ पंकज राय ने जो नोटिस दिया है वह सिर्फ नोएडा अथॉरिटी के सेक्टर-58 के पार्कों के लिए है, ना कि पूरे शहर के लिए। एसएचओ ने निष्पक्षपूर्ण कार्रवाई की है, ना कि दुर्भावना के प्रेरित होकर ऐसा किया है। हालांकि जिला प्रशासन ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन का इस कार्रवाई से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस का कहना है कि अगर पार्क में किसी भी तरह का धार्मिक आयोजन करना है तो अथॉरिटी से इजाजत लेनी होगी। नोएडा के एसएसपी अजय पाल ने बताया कि कई लोगों ने पार्क में प्रार्थना की इजाजत मांगी थी, लेकिन सिटी मैजिस्ट्रेट ऑफिस से इजाजत नहीं दी गई। इसके बावजूद लोग वहां पहुंचकर नमाज पढ़ते देखे गए। सभी कंपनियों को नोटिस भेजकर यह जानकारी दे दी गई थी और यह रोक किसी धर्म विशेष के लिए नहीं है। नोएडा पुलिस का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले किसी तरह का सांप्रदायिक तनाव न पनपे और सौहार्द बना रहे। अजय पाल ने कहा कि पुलिस को उम्मीद है कि सौहार्द कायम रखने में लोग पुलिस का साथ देंगे।

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