वाशिंगटन। दो भारतीय-अमेरिकियों (माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला और गूगल के सुंदर पिचाई) ने व्हाइट हाउस द्वारा आयोजित प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में शिरकत की। पिचाई और नडेला मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के समूह का हिस्सा थे। ट्रंप सरकार के इस कदम को सिलिकॉन वैली के साथ संबंधों को सुधारने के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े खतरों को देखते हुये नयी प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर प्रतिबंध को कड़ा करने की सोच रही है। इसकी जद में क्वांटम कम्प्यूटिंग, आवाज की पहचान, क्लाउड एआई और अन्य प्रौद्योगिकियों से जुड़े उत्पाद आ सकते हैं। ये प्रौद्योगिकियां चीन में कारोबार में अहम भूमिका निभाती हैं। ट्रंप के सिलिकॉन वैली के साथ रिश्ते ठीक नहीं रहे हैं। दिसंबर 2016 में प्रौद्योगिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बैठक में ट्रंप ने खुद को क्षेत्र के लिये सहयोगी के रूप में पेश किया था लेकिन बाद में उनका गूगल, फेसबुक और अमेजन जैसी कंपनियों से विवाद शुरू हो गया। कई कंपनियों के शीर्ष अधिकारी सार्वजनिक तौर पर ट्रंप की आव्रजन नीतियों की आलोचना कर चुके हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने पिचाई के हवाले से कहा, “उभरती प्रौद्योगिकियों में अमेरिका के नेतृत्व के बारे में व्हाइट हाउस में आज हुयी हमारी चर्चा लाभदायक और आकर्षक रही।” इस सम्मेलन का आयोजन ट्ंरप की बेटी इवांका ट्रंप ने किया। गिन्नी रोमेट्टी (आईबीएम), सफरा कैट्ज (ओरेक्ल) और स्टीव मोल्लेनकोप्फ (क्वालकाम) समेत अन्य लोगों ने शिरकत की। शिखर सम्मेलन के बारे में अन्य जानकारी अभी नहीं मिली है। सम्मेलन में शामिल हुए सीईओ ने संवाददाताओं के सवालों का जवाब नहीं दिया।
