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अब राज ठाकरे की उत्तर भारतीयों को लुभाने की कोशिश, वाराणसी के पंडों का लेंगे आशीर्वाद

मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे, जिनका राजनीतिक अस्तित्व पूरी तरह से बाहरी लोगों के विरोध की राजनीति पर आधारित रहा है, अब हिंदुत्व के साथ उत्तर भारतीय समुदाय को लुभाने के लिए अपनी किस्मत आजमाने को उत्सुक लग रहे हैं। अपने चचेरे भाई शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या जाने और मंदिर से जुड़े प्रचार के एक हफ्ते बाद उन्होंने उत्तर भारतीय पंडों से आशीर्वाद मांगा है। राज रविवार को कांदीवली में एक समारोह में वाराणसी से बुलाए गए 21 पंडों (पुजारियों) से आशीर्वाद लेंगे। आयोजकों ने कहा कि इस आयोजन के लिए पुजारियों को विशेष रूप से मंदिरों के शहर वाराणसी से फ्लाइट से बुलाया जा रहा है। कार्यक्रम में राज उत्तर भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत कर सकते हैं और उनसे प्रश्न भी ले सकते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन करवा रही उत्तर भारतीय महापंचायत (यूबीएम) के संस्थापक विनय दुबे ने कहा, ‘पुजारी यहां एक पूजा करेंगे जिसमें राज साहब भाग लेंगे। वे अपने लंबे जीवन और महाराष्ट्र की प्रगति के लिए प्रार्थना करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘वह एमएनएस और उत्तर भारतीय प्रवासियों के बीच के अंतर को कम करने की कोशिश भी करेंगे।’ आयोजकों ने कहा कि राज ठाकरे के लिए प्रश्न पूछने वाले सोशल मीडिया कैंपेन को 1,000 से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिली हैं। उनमें से कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो एक जैसे सवालों के जवाब मांग रहे हैं। जैसे, ‘एमएनएस कार्यकर्ता उत्तर भारतीयों को क्यों मारते हैं? यूपी और बिहार के प्रवासियों के बारे में राज ने अपने भाषणों में बुरी बातें क्यों कहीं? क्या आपको नहीं लगता कि आपने अपनी विभाजनकारी राजनीति से महाराष्ट्र की छवि को नुकसान पहुंचाया है? क्या आपको लगता है कि महाराष्ट्रवासी यूपी और बिहार के प्रवासियों की तरह सिर्फ 7,000 रुपये या उससे कम के लिए 12 घंटे तक काम कर सकते हैं?’ दुबे ने कहा, ‘प्रतिक्रिया जबरदस्त रही है और लोग जानने को उत्सुक हैं कि राज साहब का क्या कहना है। अभी हम राज को भेजे जाने वाले प्रश्नों को छोटा कर रहे हैं। हमें बताया गया है कि वह जितने प्रश्नों का संभव हो सका, उतने का उत्तर देंगे।’ एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि इसके पीछे विचार समुदाय के साथ मतभेदों को दूर करना है। उन्होंने कहा, ‘कई लोग, विशेष रूप से उत्तर भारतीय समुदाय के लोग, राज साहब को गलत समझते हैं। राज सीधे उनसे बात करेंगे और उन्हें बताएंगे कि एमएनएस वास्तव में किसके लिए है।’

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