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सीवीसी रिपोर्ट में पाई गई ‘सीबीआई में गंभीर अनियमितता’, वर्मा की वापसी मुश्किल

नई दिल्ली। सीबीआई भ्रष्टाचार मामले में जांच के बाद कई महत्वपूर्ण मामलों में गंभीर अनियमितता पाए गई हैं। ऐसे में सरकार द्वारा छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जांच को और तेज करने के आदेश दे सकती है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई सीवीसी की रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों में गंभीर अनियमितता की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें कई आरोपों की गंभीर जांच की जरूरत है। सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने आलोक वर्मा पर कई महत्वपूर्ण केसों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। सीवीसी से वर्मा पर लगे आरोपों में और गहराई तक जाने को कहा है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ ने सीवीसी द्वारा लगाए गए आरोपों पर वर्मा से सोमवार दोपहर 1 बजे तक जवाब मांगा है। कोर्ट ने आगे की कार्रवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख तय की है।
वर्मा का दो साल का कार्यकाल अगले साल जनवरी में पूरा हो रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले की जांच आगे बढ़ाने के बाद उनका रिटायरमेंट से पहले अपने पद पर पहुंचना मुश्किल लग रहा है। कोर्ट का कहना है कि वर्मा के जवाब के बाद ही इस मामले में वह कोई फैसला देगी। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ऐके पटनायक के नेतृत्व में की गई जांच की रिपोर्ट पर बेंच ने कहा, ‘यह जरूरी दस्तावेजों के साथ दाखिल की गई एक संपूर्ण रिपोर्ट है। इसे चार हिस्सों में बांटा जा सकता है। कॉम्पिलीमेंटरी, बहुत कॉम्पिलीमेंटरी, ज्यादा कॉम्पिलीमेंटरी नहीं, बहुत अनकॉम्पिलीमेंटरी (वर्मा की तरफ)’ शीर्ष अदालत ने आलोक वर्मा को लेकर सीवीसी रिपोर्ट की कॉपी राकेश अस्थाना के वकील को सौंपने से इनकार कर दिया। अस्थाना की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने सीवीसी की कॉपी की मांग की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के एनजीओ ‘कॉमन कॉज’ को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव के फैसलों पर सवाल जरूर उठाए हैं, लेकिन यह नहीं बता रहे कि उनके फैसले गलत कैसे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अंतरिम चेयरमैन नागेश्वर राव की ओर से लिए गए ट्रांसफर के फैसलों और मोइन कुरैशी केस में आरोपी हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि अभी बड़ा सवाल यह है कि सरकार ने वर्मा को छुट्टी पर जाने के लिए क्यों कहा। सीबीआई के डीएसपी ए.के बस्सी के वकील राजीव धवन ने कहा कि वह बहस करना चाहते हैं। इस पर सीजेआई गोगोई ने तंज करते हुए कहा, ‘तो आप उनमें से हैं, जिनका पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर किया गया है। यह एक अच्छी जगह है।’ सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तौर पर बस्सी और कांग्रेस लीडर मल्लिकर्जुन खड़गे की याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि अभी इससे बड़े सवालों पर सुनवाई की जरूरत है।

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