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कश्मीर में फुटबॉल से मिल रही बच्चों को नई दिशा और जिंदगी का सबक

श्रीनगर। कश्मीर घाटी में जहां आतंकवाद और अन्य मुद्दों से लोग लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कश्मीरी लोगों को फुटबॉल नई दिशा देती नजर आ रही है। रियल कश्मीर एफसी में शामिल खिलाड़ी और फैंस अपनी सुरक्षा की परवाह किए बगैर टीम के लिए एकजुट हो रहे हैं। रविवार को इंफाल के नेरोका एफसी के खिलाफ मुकाबले को आधिकारिक तौर पर 12270 लोगों ने देखा।
पिछले सप्ताह चर्चिल ब्रदर्स के खिलाफ मुकाबले को देखने के लिए 10500 लोग स्टेडियम पहुंचे थे। रविवार को भले ही रियल कश्मीर को 0-2 से हार झेलनी पड़ी लेकिन कोच डेविड रॉबर्ट्सन ने सपॉर्ट के लिए फैंस को एक विडियो मेसेज शेयर किया। अब टीम का अगला मुकाबला 20 नवंबर को मोहन बागान के खिलाफ होगा। रियल कश्मीर अकैडमी में अंडर-14 और अंडर-15 वर्ग के लड़के भी बड़ा ख्वाब देखते हैं। कश्मीर के 13 वर्षीय फैसल इम्तियाज ने कहा, ‘कश्मीर में सब दोहरी मानसिकता के लोग हैं। आज ये बोलते हैं कि ये आजादी चाहते हैं, कल कुछ और। हम सभी को आदत हो गई है।’ रजा हुसैन ने कहा, ‘आतंकवाद से सभी की जिंदगी कभी न कभी प्रभावित हुई है। हमारे घर पर भी एनकाउंटर हुआ है।’ कश्मीर में आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है और इसने बड़ी संख्या में लोगों की जान ली। कई लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया। पत्थरबाजी को लेकर एक लड़का मासूमियत से जवाब देता है। वह कहता है, ‘पत्थरबाजी करेंगे सर तो कैसे रियल कश्मीर एफसी में शामिल हो पाएंगे।’ हारिस गुलजार ने कहा, ‘रियल कश्मीर अकैडमी के लिए हमने ऑनलाइन विज्ञापन देखा तो ट्रायल के लिए आवेदन किया। मुझे नहीं लगता कि हम में से किसी के भी परिजनों को इससे ऐतराज होगा। हम सुबह स्कूल जाते हैं और शाम को प्रैक्टिस करते हैं।’
फुटबॉल क्लब में अंडर-13, अंडर-15 और अंडर-18 वर्गों की टीमें हैं जिन्हें 4-5 क्वॉलिफाइड कोच ट्रेनिंग देते हैं। लोनस्टार, स्टेट फुटबॉल अकैडमी, रॉयल स्पोर्ट्स, नरकारा और तौहीद एफसी जैसे स्थानीय टीमों से इन्हें चुनौती भी मिलती है। रियल कश्मीर के ज्यादातर बच्चे श्रीनगर और बड़गाम जिले से ताल्लुक रखते हैं। बांदीपुरा से भी 3 लड़के हैं, जो श्रीनगर से करीब 70 किलोमीटर दूर है।

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