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भगवान अयप्पा की धरती कैसे जंग के मैदान में बदल गई

निलाक्कल। जहां हर महीने आस्था का विहंगम दृश्य देखने को मिलता था, जहां भगवान अयप्पा का भक्तों की आराधना देखने को मिलती थी, वह तीर्थस्थान बुधवार को किसी जंग के मैदान की तरह नजर आया। भगवान अयप्पा के भक्तों के हाथों में पत्थर थे और लगातार आक्रोश दिखा रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हौसले देखकर पुलिस बल की कोशिशें भी नाकाम लगने लगीं। नतीजतन, सुप्रीम कोर्ट ऐतिहासिक फैसले के बाद मंदिर में 10 से 50 वर्ष के उम्र की कोई महिला प्रवेश नहीं कर सकीं। एक अनुमान के मुताबिक, यहां सऊदी अरब के मक्का के बाद सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं लेकिन बुधवार को वे श्रद्धालु सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रदर्शनकारी बन गए थे। उन्होंने मीडिया पर्सन को भी नहीं छोड़ा। प्रदर्शन के दौरान कुछ आध महिला पत्रकार भी घायल हो गईं। प्रदर्शनकारियों ने केरल राज्य परिवहन की बस रोककर महिला यात्रियों जबरन नीचे उतारा। इसके बाद पुलिस ने उन्हें काबू करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया। एक घंटे के अंदर पुलिस बल ने सभी प्रदर्शनकारियों को वहां से हटा दिया।

पथानामथिट्टा के जिला कलेक्टर ने निलक्कल और पंपा में धारा 144 लागू कर दी। बुधवार सुबह निलाक्कल में प्रदर्शनकारियों ने 3 कारों में तोड़फोड़ की जिसमें 2 कारें टेलिविजन चैनल की थी। इस दौरान कुछ पुरुषों की भीड़ गाड़ियों के पीछे हटने पर ताली बजाकर जश्न मनाते नजर आए। पुलिस भी मूकदर्शक बनकर खड़ी रही। पुलिस ने थजामन परिवार के प्रमुख पुजारी कंदरारू महेश्वरारू की 83 वर्षीय पत्नी देविका अंतरजनम को हिरासत में ले लिया। उनकी 57 वर्षीय बेटी मल्लिका नंबूदिरी को भी पंपा में प्रदर्शन स्थल से पुलिस ने जबरन हटा दिया। बुधवार सुबह 5 बजे पुलिस ने सबरीमाला अनुष्ठान एवं परंपरा संरक्षण समिति के टेंट को उखाड़ फेंका और 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही वहां इकट्ठा लोगों को भी खदेड़ दिया। देवस्वोम मंत्री कदाकमपिल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि सरकार सबरीमाला तीर्थ के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी। सन्निधनम में बुधवार सुबह मीडिया से बात करते हुए सुरेंद्रन ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को बाध्य है। अब सबरीमाला संरक्षण समिति ने गुरुवार को 12 घंटे राज्यव्यापी बंद का ऐलान किया है। बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य स्थानीय संगठनों ने इस बंद को अपना समर्थन दिया है। यह बंद श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुलाया गया है। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वह इस बंद में शामिल तो नहीं हुई लेकिन पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन कर रही है।

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