मुंबई। कुछ दिन पहले ही जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंजिनियर निशांत अग्रवाल पर कथित तौर पर नागपुर के अलावा हैदराबाद की लैब से भी दस्तावेज चुराने का शक है। माना जा रहा है कि उसने सीक्रेट और संवेदनशील जानकारी ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट के साथ ही हैदराबाद से भी चुराई। वहां वह पहले ही काम कर चुका था। यह जानकारी उत्तर प्रदेश ऐंटी–टेररिस्ट स्क्वॉड के सूत्रों ने दी है। उत्तराखंड के रुड़की का रहने वाले निशांत ने नागपुर शिफ्ट होने से पहले हैदराबाद में काम किया था। यूपी एटीएस ने हैदराबाद लैब से उसका डेस्कटॉप कंप्यूटर जब्त किया है जहां से कथित तौर पर दस्तावेज चोरी किए गए। उसके कॉन्टेंट को फरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। पहले आशंका जताई जा रही थी के निशांत ने नागपुर में रहते हुए अपने लैपटॉप पर जानकारियां सेव की हैं। सूत्र के मुताबिक आरोपी ने अवैध तरीके से हैदराबाद की लैब से जानकारी हासिल की। जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि आरोपी के पर्सनल लैपटॉप में पीडीएफ फॉर्मेट में कई फाइलें लाल निशान के साथ स्टोर की गई हैं।
हैदराबाद लैब से डेटा चोरी की आशंका के बाद अब एटीएस यह पता लगाने में जुटी है कि क्या और भी लोग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संपर्क में थे। शक है कि निशांत ने आईएसआई के साथ यह डेटा शेयर किया है। एजेंसी पता लगाने की कोशिश में है कि क्या किसी प्लान के तहत डेटा इकट्ठा किया गया। अभी तक जांच में यह पता चला है कि निशांत पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स से दो फर्जी फेसबुक अकाउंट्स के जरिये जुड़ा हुआ था– नेहा शर्मा और पूजा रंजन। एक एटीएस अधिकारी ने बताया कि हनी–ट्रैप ऑपरेशन्स में आईएसआई एजेंट्स महिला बनकर डिफेंस कर्मचारियों के साथ दोस्ती करते हैं। वह खुद को या तो पत्रकार बताते हैं या विदेश में प्राइवेट नौकरी का लालच देते हैं। निशांत संवेदनशील काम करता था लेकिन वह इंटरनेट पर काफी कैजुअल रहता था। इससे उसे आसानी से निशाना बनाया जा सका। सूत्रों ने बताया है कि पिछले महीने नोएडा में एक बीएसएफ जवान को आईएसआई एजेंट्स के साथ डिफेंस जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके बाद से निशांत भी यूपी एटीएस और मिलिटरी इंटेलिजेंस के रडार पर था। निशांत को सोमवार को यूपी एटीएस और महाराष्ट्र पुलिस ने ब्रह्मोस की वर्धा फसलिटी से गिरफ्तार किया गया था। उसके नागपुर के ऑफिस और रुड़की में घर से आपराधिक सामान बरामद किया गया था। ब्रह्मोस एयरोस्पेस संयुक्त रूप से भारत का डिफेंस रीसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन और रूस का मिलिटरी इंडस्ट्रियल कंसोर्टियम चलाते हैं। यहां सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की डिजाइनिंग, डिवेलपिंग, प्रॉड्यूसिंग और मार्केटिंग की जाती है।