सिंगापुर/नई दिल्ली। तेल उत्पादन बढ़ाने को लेकर पिछले सप्ताह अमेरिका द्वारा सऊदी अरबको दी गई धमकी का असर होता दिख रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश सऊदी अरब भारत को नवंबर में चालीस लाख बैरल ज्यादा तेल की सप्लाई करेगा। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि सऊदी अरब के शाह अमेरिकी सैन्य सहयोग के बिना संभवत: ‘दो सप्ताह भी पद पर बने नहीं रह सकते।’ यह कहकर, ट्रंप ने तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर पश्चिमी एशिया में अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक सऊदी अरब पर भी दबाव और बढ़ा दिया था। तेल की कीमतें सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक और सऊदी अरब से बार-बार इन दामों को कम करने की मांग की थी। हालांकि विश्लेषकों ने चेताया है कि तेल के दाम सौ डॉलर प्रति बैरेल तक जा सकते हैं क्योंकि विश्व का उत्पादन पहले से ही बढ़ा हुआ है और ईरान के तेल उद्योग पर ट्रंप के प्रतिबंध नवंबर की शुरुआत से लागू होंगे।
भारत ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है। ईरान पर चार नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने वाला है। भारत की कई रिफाइनरिज ने संकेत दिया है कि वे अमेरिकी प्रतिबंध के कारण ईरान से तेल आयात नहीं करेंगे। सूत्रों ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प, भारत पेट्रोलियम और मेंगलोर रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड जैसी कंपनियां सऊदी अरब से नवंबर में अतिरिक्त दस लाख बैरल तेल की मांग कर रही हैं। सऊदी अरब की सार्वजनिक कंपनी सऊदी अर्माको ने इस बारे में संपर्क नहीं हो सका है। गौरतलब है कि ईरान के तेल पर भारत की निर्भरता के कारण नई दिल्ली अमेरिका से छूट की मांग कर रहा है। भारतीय रिफाइनरीज ने ईरान से नवंबर में 90 लाख बैरल ज्यादा तेल की मांग की थी। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। दुनिया में तेल की बढ़ती कीमत, भारतीय रुपये में गिरावट और तेल के दाम का भुगतान डॉलर में होने से भारत को तेल खरीदना महंगा पड़ रहा है। गत सोमवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि उन्होंने सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद-अल-फलह से बात की थी और उन्हें ओपेक देशों द्वारा तेल के उत्पादन में वृद्धि का वादा याद दिलाया था। भारत सऊदी अरब से औसतन हर महीने करीब 2.5 करोड़ बैरल तेल का आयात करता है।