नई दिल्ली। राफेल डील पर विपक्षी दलों द्वारा घिरे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने राहत दी है। वायुसेना चीफ ने इस डील को बोल्ड बताते हुए इसका समर्थन किया है। राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनोआ ने कहा कि राफेल और एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम डील बूस्टर डोज के समान है। उन्होंने कहा कि सरकार जैसे ही एस -400 एयर डिफेंस सिस्टम डील को मंजूरी देगी, यह 24 महीनों में हमें मिलने लगेगा। एयरचीफ ने स्क्वॉड्रनों की घटती संख्या पर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि एचएएल के साथ अनुबंध के बाद भी डिलिवरी में देरी हुई है। सुखोई-30 की डिलिवरी में 3 साल की देरी हो चुकी है, लड़ाकू विमान जगुआर में 6 साल की देरी हो चुकी है। एलसीए में 5 साल, मिराज 2000 की डिलिवरी में दो साल की देरी हो चुकी है। राफेल डील के सवाल पर धनोआ ने कहा, ‘हम कठिन स्थिति में थे। हमारे पास तीन विकल्प थे, पहला या तो कुछ घटने का इंतजार करें, आरपीएफ को विद्ड्रॉ कर लें या फिर आपात खरीदारी करें। हमने इमर्जेंसी खरीदारी की। राफेल डील हमारे लिए बूस्टर के समान है।’
धनोआ ने कहा, ‘सरकार ने बोल्ड कदम उठाते हुए 36 राफेल फाइटर विमान खरीदा। एक उच्च प्रदर्शन वाला और उच्च तकनीक से सुसज्जित लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को दिया गया है। ताकि हम अपनी क्षमता को बढ़ा सके।’ वायुसेना चीफ धनोआ ने कुछ दिन पहले कहा था कि चूंकि हमारे पड़ोसियों ने दूसरे और तीसरे जेनरेशन के विमानों को चौथे तथा पांचवें जेनरेशन के विमान से रिप्लेस कर लिया है तो हमें भी अपने विमानों को अपग्रेड करना होगा। उन्होंने कहा, ‘हमें किसी प्रकार के संघर्ष की स्थिति को रोकने के लिए पूरी तैयारी करनी होगी। ताकि अगर 2 मोर्चे पर भी लड़ना पड़े तो हम तैयार रहें।’ गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वाइस चीफ एयर मार्शल देव ने कहा था, ‘यह बेहद खूबसूरत एयरक्राफ्ट है… यह बहुत क्षमतावान है और हम इसे उड़ाने का इंतजार कर रहे हैं।’ उन्होंने एक कार्यक्रम में इस डील को लेकर हुए विवाद के बारे में सवाल पूछे जाने पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि राफेल जेट्स से भारत की मुकाबला करने की क्षमता में अभूतपूर्व लाभ होगा। भारत ने दोनों देशों की सरकारों के बीच इस डील पर सितंबर 2016 में मुहर लगाई थी। भारत 58 हजार करोड़ रुपये में 36 राफेल फाइटर जेट खरीदने के तैयारी कर रहा है।