इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कराची को पेशावर से जोड़ने वाला रेल प्रॉजेक्ट चीन के सबसे बड़े बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट में से एक है। हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अब इस प्रॉजेक्ट को लेकर उतने उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह पाकिस्तान का कर्ज में डूबा होना है। बता दें कि इसके लिए चीन ने पाकिस्तान को 8.2 अरब डॉलर का कर्ज दिया है और इमरान खान की सरकार इसकी लागत और वित्तीय शर्तों को लेकर परेशान है।
इमरान खान ने पाकिस्तान पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंता भी जताई है और कहा है कि देश को विदेशी कर्ज से मुक्त हो जाना चाहिए। पाकिस्तान के योजना विभाग के एक मंत्री खुशरो बख्तयार ने बताया कि वह ऐसे मॉडल पर काम कर रहे हैं ताकि पाकिस्तान को ज्यादा रिस्क न लेना पड़े। पाकिस्तान की नई सरकार चाहती है कि सभी बीआरआई प्रॉजेक्ट्स को फिर से रिव्यू किया जाए। पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें चिंता है कि ये समझौते ठीक से नहीं हुए हैं। साथ ही ये काफी महंगे और चीन के पक्ष में अधिक नजर आते हैं। हालांकि, चीन इसके लिए तैयार नहीं है और वह केवल उन प्रॉजेक्ट्स को ही रिव्यू करना चाहता है जो अभी तक शुरू नहीं किए गए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक बयान जारी कर बताया कि दोनों ही देश बीआरआई प्रॉजेक्ट्स को आगे ले जाने के पक्ष में और जो प्रॉजेक्ट पहले से ही शुरू हो चुके हैं वह सामान्य रूप से चले इसके लिए प्रतिबद्ध थे। वहीं पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि वे चीन के निवेश के प्रति प्रतिबद्ध हैं लेकिन वह प्रॉजेक्ट्स की कीमत पर फिर से चर्चा करना चाहते हैं।
पाकिस्तान में चीन के राजदूत याओ जिंग ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि चीन पाकिस्तान की नई सरकार द्वारा प्रस्तावित किए गए बदलावों को लेकर काफी सकारात्मक था। साथ ही उन्होंने कहा कि वह जरूर उनके एजेंडा का अनुसरण करेंगे लेकिन ऐसे मॉडल और भविष्य के लिए ऐसे रोडमैप के लिए एक-दूसरे से चर्चा करने की जरूरत है। बता दें कि इमरान खान की सरकार ने यह वादा किया था कि वह सीपीईसी प्रॉजेक्ट में 1,872 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को वरीयता देगी ताकि देश के गरीब लोग आसानी से एक जगह से दूसर जगह सफर कर सके। बता दें कि यह रेल लाइन चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के महत्वाकांक्षी बेल्ट ऐंड रोड पहल का हिस्सा है, जिसके तहत चीन पाकिस्तान में 60 अरब डॉलर की लगात से कई परियोजनाओं को पूरा करेगा। साथ ही यह रेल लाइन अफगान सीमा से सटती है और इसके लिए चीन ने पाकिस्तान को 8 अरब डॉलर का कर्ज दिया है।