तिरुवनंतपुरम। केरल में बाढ़ से मची तबाही के कारण राहत शिविरों में रह रहे पीड़ितों की मदद के लिए तिरुवनंतपुरम सेंट्रल जेल के कैदी भी जुटे हुए हैं। यहां कैदी पीड़ितों के लिए रोटियां बना रहे हैं। केरल में आठ अगस्त से बाढ़ में अब तक 210 लोगों की जान गई है और सात लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
तिरुवनंतपुरम में पूजाप्पुरा की सेंट्रल जेल में कुछ वर्षों से कारोबारी उद्देश्यों से चपाती, सब्जी और चिकन करी जैसी कई खाद्य सामग्रियां ‘फ्रीडम’ नाम के ब्रांड से बेची जा रही हैं। कम कीमत वाले पकवान शहर में कई काउंटरों पर बेचे जाते हैं। जेल अधिकारियों के अनुसार, बीते सप्ताह बाढ़ पीड़ितों के लिए औसतन 40 से 50 हजार चपाती बनाई गईं। करीब 50 कैदियों की जमात अलग-अलग पालियों में दिन रात चपाती बनाने के काम में लगे हैं। चपाती और सब्जी के पैकेट जिले के अधिकारियों को सौंपे गए हैं। इन्हें राहत शिविरों में वितरित किया जाना है। जेल के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘हमारे खाने के पैकेट मुख्य रूप से छतों और एकांत में बनी इमारतों में फंसे लोगों को हवाई मार्ग से पहुंचाने के लिए हैं।’ बता दें कि बीती एक सदी में सर्वाधिक भीषण बाढ़ का सामना कर रहे केरल में लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से यहां के बंदरगाह पर राहत सामग्री पहुंच रही है। राहत शिविर में बंदरगाह के कर्मचारी और उनके परिजन, सीमा-शुल्क अधिकारी और सीआईएसएफ के जवान लोगों की मदद कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जहाजरानी मंत्रालय के अंतर्गत सभी प्रमुख बंदरगाहों से लायी गई राहत सामग्री को तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर संग्रहित किया जा रहा है। इसे बाद में कोचीन बंदरगाह ले जाए जाने की संभावना है।