ब्रिटिश कोलंबिया। कैनेडा के एक प्रमुख मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार , ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के नौ महीने बाद घटना का वीडियो फुटेज सामने आया है।
आपको बता दें कि २०२० में भारत द्वारा घोषित आतंकवादी निज्जर की १८ जून, २०२३ की शाम को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
मीडिया हाउस ने कैनेडियन खोजी वृत्तचित्र श्रृंखला ‘द फिफ्थ एस्टेट’ से वीडियो प्राप्त किया, जो सीबीसी नेटवर्क पर प्रसारित होता है। मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार, फुटेज को एक से अधिक स्रोतों द्वारा सत्यापित किया गया है।
वीडियो में निज्जर को अपने ग्रे डॉज राम पिकअप ट्रक में गुरुद्वारे की पार्किंग से निकलते हुए दिखाया गया है, जबकि बगल की सड़क पर एक सफेद सेडान गाड़ी चल रही है। जैसे ही वह बाहर निकलने के करीब पहुंचता है, कार निज्जर के सामने आ जाती है और उसके ट्रक को रोक देती है। रिपोर्ट के अनुसार, फिर, दो लोग ट्रक की ओर दौड़ते हैं और निज्जर को गोली मारकर सिल्वर टोयोटा कैमरी में घटनास्थल से भाग जाते हैं।
दो गवाह, जो घटना के समय पास के एक मैदान में फुटबॉल खेल रहे थे, ने कहा कि वे उस स्थान की ओर भागे जहां से गोलियों की आवाज सुनी गई थी और उन्होंने हमलावरों का पीछा करने का भी प्रयास किया।
प्रत्यक्षदर्शियों में से एक, भूपिंदर सिंह सिद्धू ने द फिफ्थ एस्टेट को बताया कि उन्होंने दो लोगों को भागते हुए देखा। वे उस ओर भागने लगे…जिधर से आवाज़ आ रही थी।
उसने अपने दोस्त मलकीत सिंह से कहा कि वह पैदल ही हथियारबंद लोगों का पीछा करे क्योंकि वह निज्जर की मदद करने की कोशिश कर रहा था। सिद्धू ने आगे बताया कि उसने निज्जर की छाती को दबाने की कोशिश की, और उसे हिलाकर देखा कि क्या वह सांस ले रहा है।
मलकीत सिंह ने हमलावरों का तब तक पीछा किया जब तक वे टोयोटा कैमरी में सवार नहीं हो गए और घटनास्थल से भाग निकले। कार के अंदर कथित रूप से तीन अन्य लोग बैठे थे। सिंह ने याद किया कि उन्हें और सिद्धू को हर जगह बंदूकों के धुएं की गंध आ रही थी।
रिपोर्ट के अनुसार, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने अभी तक निज्जर की हत्या में किसी भी संदिग्ध का नाम नहीं लिया है या गिरफ्तारी नहीं की है।
गौरतलब है कि निज्जर की हत्या से भारत और कैनेडा के बीच बड़े पैमाने पर राजनयिक विवाद पैदा हो गया, क्योंकि पिछले साल सितंबर में कैनेडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि इस घटना में भारत शामिल था। ट्रूडो ने दावा किया कि कैनेडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे।
हालाँकि, भारत ने इन दावों को “बेतुका और प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया।



