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नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने गठबंधन सहयोगी से तोड़ा नाता, केपी ओली से मिलाया हाथ; मंत्रिमंडल में होगा फेरबदल

काठमांडू । नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओइस्ट सेंटर) के सरकार में सहयोगी नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन तोडऩे के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है। नेशनल असेंबली की अध्यक्षता के दावे को लेकर हिमालयी साम्राज्य की दो सबसे बड़ी पार्टियों के बीच कथित तौर पर खाई बढ़ती जा रही है।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्कि्सस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के उपाध्यक्ष सुरेंद्र पांडे ने सोमवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, आज सरकार बदलेगी और नए मंत्रिमंडल का गठन होगा। मंत्रियों का शपथ ग्रहण भी आज होगा। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ कथित तौर पर सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) के अलावा सीपीएन-यूएमएल, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी के मंत्रियों को शामिल करेंगे।
यह कदम प्रधानमंत्री दहल द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री सीपीएन-यूएमएल के के.पी. शर्मा ओली से मुलाकात के बाद उठाया गया है। दोनों ने रविवार को एक नए राजनीतिक गठबंधन पर चर्चा की। हालांकि २०२० में, और फिर २०२३ में, दोनों सहयोगी अलग हो चुके हैं।
पीएम दहल फेरबदल पर राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल को एक पत्र भेजेंगे और नए मंत्रियों को संभवत: सोमवार शाम को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। सोमवार को अधिकारियों की एक बैठक से बाहर आते हुए, माओइस्ट सेंटर के नेता, देवेंद्र पौडेल ने कहा कि यूएमएल के साथ हाथ मिलाने का कदम लंबे समय के लिए वाम एकता बनाने की योजना के साथ उठाया गया है।
दिसंबर २०२२ में सीपीएन-यूएमएल के समर्थन से दक्षिण एशियाई देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद दहल ने पार्टी से नाता तोड़ लिया और कुछ ही महीने के भीतर नेपाली कांग्रेस से हाथ मिला लिया।
दहल की माओवादी सेंटर पार्टी २७५ सदस्यीय संसद में तीसरा सबसे बड़ा समूह है, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन या पार्टी के पास १३८ वोटों का समर्थन होना चाहिए।

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