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फिर ओबीसी को लेकर राहुल गांधी का सवाल, केंद्रीय मंत्री से मिला करारा जवाब

नई दिल्ली । भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लेकर उत्तर प्रदेश की अमेठी पहुंचे राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय को लेकर एक बार फिर बयान दिया। केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मुझे बताओ कि हाई कोर्ट में कितने दलित, आदिवासी और पिछड़े लोग हैं?
उन्होंने इसके साथ ही वहां मौजूद लोगों से कहा कि आपके पास साहस नहीं है, आप सभी सो रहे हैं। देशभर के हाई कोर्ट में ६५० के करीब न्यायाधीश हैं और आपकी जनसंख्या ७३ प्रतिशत है। मुझे बताओ नौकरशाहों में आपके कितने लोग हैं? इसके बाद राहुल गांधी के सवाल पर किरण रिजिजू ने करारा जवाब दिया। राहुल गांधी ने ऐसा ही बयान ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान प्रयागराज में भी दिया और वह देश की ७३ प्रतिशत आबादी को जातिगत जनगणना कराकर उनका हक दिलाने का वादा करते नजर आए थे। खासकर ओबीसी समुदाय को लेकर वह लगातार अपनी यात्राओं में बोल रहे हैं।
दरअसल, राहुल गांधी पीएम मोदी के ओबीसी होने पर भी सवाल खड़े कर चुके हैं। तब, सरकार की तरफ से उन्हें जवाब दिया गया था। इस बार राहुल गांधी के सवाल पर अरुणाचल प्रदेश से भाजपा सांसद और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने जवाब देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि आज राहुल गांधी ने फिर कहा कि भारत सरकार में केवल ३ ओबीसी सचिव हैं और ओबीसी न्यायाधीश नगण्य हैं। क्या वह भोले हैं या मूर्ख हैं?
उन्होंने आगे लिखा कि एक नया आईएएस अधिकारी सीधे सचिव नहीं बन सकता और एक नया वकील सीधे उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नहीं बन सकता। अभी सचिवों का वर्तमान बैच आम तौर पर १९९२ बैचों से संबंधित है या उससे पहले का है। उस समय, एससी और एसटी के लिए आरक्षित श्रेणियां थीं, लेकिन ओबीसी के लिए नहीं। अखिल भारतीय सेवा (एआईएस) में ओबीसी वर्गीकरण न्यायालय के फैसले के बाद १९९५ के बाद आया। जो कोई भी देश में सेवा और सेवा की प्रगति को समझता है वह जानता है कि वरिष्ठता प्राप्त करने में बैच प्रणाली कैसे काम करती है। क्या कांग्रेस पार्टी ने अपने समय में अधिक ओबीसी/एससी/एसटी आईएएस अधिकारियों और एससी/एसटी/ओबीसी न्यायाधीशों को बढ़ावा देने के लिए कुछ किया है?
रिजिजू ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आगे लिखा कि यह आदमी भारत विरोधी ताकतों के समर्थन से भारतीय समाज को अस्थिर करना और अराजकता पैदा करना चाहता है। लेकिन, भारत की जनता के आशीर्वाद से पीएम नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना के साथ भारत को आगे बढ़ाने की शक्ति पा रहे हैं।

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