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अमेरिका में वीजा धोखाधड़ी के आरोप में भारतीय मूल के दो लोग गिरफ़्तार

न्यूयॉर्क ,०१ जनवरी। भारतीय मूल के दो लोगों को अमेरिका में वीजा धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मैसाचुसेट्स जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने कहा कि ३६ वर्षीय रामभाई पटेल और ३९ वर्षीय बलविंदर सिंह ने कथित तौर पर डकैती की साजिश रची ताकि आव्रजन लाभ के लिए आवेदन कर सकें।
पटेल को १३ दिसंबर, २०२३ को सिएटल में गिरफ्तार किया गया और उसे हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है। सिंह को भी उसी दिन क्वींस में गिरफ्तार किया गया, और उसे शुक्रवार दोपहर बोस्टन की संघीय अदालत में पेश किया गया। दस्तावेज़ों के अनुसार, मार्च २०२३ से पटेल और उसके सह-साजिशकर्ताओं, जिनमें कभी-कभी सिंह भी शामिल थे, ने कई डकैतियों को अंजाम दिया।
ये डकैतियां अमेरिका में आठ शराब दुकानों और फास्ट फूड रेस्तरां में किए गए, जिनमें मैसाचुसेट्स में चार थे। यह आरोप लगाया गया है कि इन डकैतियों को इसलिए अंजाम दिया गया ताकि यह दावा कर सके कि वे यू वीज़ा के लिए आवेदन कर सकें। अमेरिका में यू वीज़ा ऐसे पीडितों को दिया जाता है, जिन्हें मानसिक या शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ा है और जो आपराधिक गतिविधि की जांच या अभियोजन में कानून प्रवर्तन में सहायक रहे हैं।
पीडितों पर आरोप है कि दोनों ने योजना में भाग लेने के लिए पटेल को भुगतान किया था। बदले में, पटेल ने कथित तौर पर डकैती के लिए स्टोर मालिकों को भी भुगतान किया। वीज़ा धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में पांच साल तक की जेल, तीन साल की निगरानी में रिहाई और २५०,००० डॉलर के जुर्माने का प्रावधान है। अमेरिकी क़ानूनों के आधार पर एक संघीय जिला अदालत के न्यायाधीश द्वारा सजाएं दी जाती हैं। वकील के कार्यालय ने कहा कि चार्जिंग दस्तावेज़ों में शामिल विवरण आरोप हैं, और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जायेगा जब तक कि अदालत में दोष साबित न हो जाए।

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