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दुश्मनों की अब खैर नहीं, नौसेना ने समुद्री सुरक्षा के लिए तैनात किए ‘ख़तरनाक हथियार’

नई दिल्ली ,०१ जनवरी। भारतीय तट पर व्यापारिक जहाजों पर हुए हालिया हमलों के बाद नौसेना ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं और क्षेत्र में रविवार को ‘डिस्ट्रॉयर’ और ‘फ्रिगेट्स’ वाले वर्क फोर्स को तैनात किया है। नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि वर्क फोर्स को समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने और किसी भी घटना की स्थिति में व्यापारी जहाजों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तैनात किया गया है। दरअसल, नौसेना ने यह निर्णय लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य अरब सागर में मालवाहक जहाजों पर हुए हमलों के बीच लिया है। जिन जहाजों को निशाना बनाया गया था उनमें एमवी केम प्लूटो भी शामिल था।
एमवी केम प्लूटो पर २३ दिसंबर को ड्रोन हमला हुआ था। यह मालवाहक भारतीय तटरक्षक जहाज विक्रम की सुरक्षा में मुंबई बंदरगाह पहुंचा था। इस मालवाहक में २१ भारतीय सवार थे। इससे पहले १४ दिसंबर को अरब सागर में एक अन्य जहाज एमवी रुएन का अपहरण कर लिया गया था। बकौल नौसेना अधिकारी, भारतीय तट से लगभग ७०० समुद्री मील दूर एमवी रुएन पर समुद्री डकैती की घटना और पोरबंदर से लगभग २२० समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में एमवी केम प्लूटो पर हुए हालिया ड्रोन हमले भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र के करीब समुद्री घटनाओं में बदलाव का संकेत दे रहे हैं। अधिकारी ने कहा, समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने और किसी भी घटना की स्थिति में व्यापारिक जहाजों को सहायता मुहैया कराने के लिए ‘डिस्ट्रॉयर’ और ‘फ्रिगेट’ वाले वर्क फोर्स को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी के लिए नौसेना भारतीय तटरक्षक बल के साथ निकट समन्वय में काम कर रही है। आपको बता दें कि चप्पे-चप्पे पर समुद्र की सुरक्षा के मद्देनजर हवाई निगरानी बढ़ाई गई है। इसमें गश्ती विमान और आरपीए अहम भूमिका अदा कर रहे हैं।

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