टोक्यो, १३ दिसंबर। जापान की सबसे उम्रदराज महिला फुसा तात्सुमी का ११६ साल की उम्र में निधन हो गया।ओसाका प्रांत के काशीवारा के एक अधिकारी के मुताबिक, २५ अप्रैल, १९०७ को जन्मी फुसा ने १२ दिसंबर को एक नर्सिंग होम में अपनी आखिरी सांसें ली।इस नर्सिंग होम में वह पिछले कुछ दिनों से रह रही थीं और यहां के कर्मचारियों से उनकी अच्छी दोस्ती भी हो गई थी।
फुसा के निधन का कारण वृद्धावस्था को बताया जा रहा है। नर्सिंग होम की एक कर्मचारी का कहना है कि फुसा बीते सोमवार (११ दिसंबर) की सुबह तक बिल्कुल ठीक थीं और उन्होंने अपनी पसंदीदा बीन पेस्ट जेली भी खाई थी।३२ साल की उम्र में फुसा ने रयुतारो तात्सुमी नामक एक व्यक्ति से शादी की थी, जो कि एक किसान थे और दोनों के ३ बच्चे थे।
ओसाका के गवर्नर हिरोफुमी योशिमुरा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर शोक व्यक्त किया और उस पार्टी को याद किया, जिसमें उन्होंने फुसा की लंबी उम्र का जश्न मनाया था। उन्होंने यह भी कहा कि उस समय वह बहुत स्वस्थ थीं।जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, पिछले साल अप्रैल में ११९ वर्षीय केन तनाका नामक महिला की मत्यु के बाद फुसा जापान की सबसे उम्रदराज महिला बन गई थीं।
साल २०१९ में गिनीज बुक ने केन तनाका को दुनिया की सबसे उम्रदराज जीवित व्यक्ति के खिताब से सम्मानित किया था। तब उनकी उम्र ११६ साल की थी।केन का जन्म २ जनवरी, १९०३ में हुआ था। उन्होंने हिडेओ तनाका से साल १९२२ में शादी की और उनके ४ बच्चे थे।हालांकि, साल २०२२ में उनकी मृत्यु के बाद वर्तमान में दुनिया की सबसे उम्रदराज महिला का खिताब स्पेन की मारिया ब्रान्यास मोरेरा हैं।
गिनीज बुक के मुताबिक, मारिया का जन्म ४ मार्च, १९०७ को सैन फ्रांसिस्को में हुआ था।इसके बाद ८८ साल की उम्र में वह अपने परिवार के साथ स्पेन आ गईं थीं। यहां पिछले २२ सालों से वह रेसिडेंसिया सांता मारिया डेल तुरा नामक नर्सिंग होम में रह रही हैं।यहां के लोगों का कहना है कि मारिया की इतनी उम्र होने के बावजूद उनका स्वास्थ्य एकदम ठीक है और वह सोशल मीडिया पर एक्टिव भी रहती हैं।
जापानी लोग पारंपरिक रूप से लंबी उम्र तक जीते हैं और सबसे उम्रदराज व्यक्तियों की सूची में भी हावी रहते हैं। हालांकि, अब जापानी लोग अपने खान-पान की आदतों की वजह से मोटापे के भी शिकार हो रहे हैं।इसका कारण है कि अब जापान में लोग मछली, चावल, सब्जियां और कम वसा वाले भोजन से ज्यादा जंक फूड का अधिक सेवन करने लगे हैं।चाहें जो भी हो जापान में पारंपरिक रूप से आयु को सम्मान दिया जाता है।
