ओटावा,११ दिसंबर। हालिया आंकड़ों के मुताबिक, कैनेडा उन देशों की सूची में पहले स्थान पर है जहां भारतीय छात्रों की विदेश में मौत हुई है। यह स्पष्ट आँकड़ा कैनेडा में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा और भलाई के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाता है।
भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) की एक हालिया रिपोर्ट में एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति का खुलासा हुआ है: कैनेडा २०२३ में विदेश में मरने वाले भारतीय छात्रों के लिए शीर्ष देश के रूप में उभरा है।
विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि २०२३ में विदेश में ६३ भारतीय छात्रों की मौत हुई, जिसमें कैनेडा में सबसे ज्यादा १५ मौतें दर्ज की गईं।
मृत भारतीय छात्रों की महत्वपूर्ण संख्या वाले अन्य देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका (१२), सऊदी अरब (१०), और संयुक्त अरब अमीरात (९) शामिल हैं।
रिपोर्ट में मृत्यु के कारणों का उल्लेख नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों में दुर्घटनाओं, आत्महत्याओं और स्वास्थ्य जटिलताओं जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है।
आपको बता दें कि कैनेडा ने हाल के वर्षों में भारतीय छात्रों की एक महत्वपूर्ण आमद देखी है, जो इसकी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली और स्नातकोत्तर अवसरों से आकर्षित हुए हैं। इस बढ़ी हुई जनसंख्या के कारण अधिक संख्या में मौतें हो सकती हैं।
भारत सरकार ने उच्च मृत्यु दर पर चिंता व्यक्त की है और अपने छात्रों की सुरक्षा में सुधार के लिए विदेशी अधिकारियों के साथ काम कर रही है।
कैनेडा में भारतीय छात्रों की बड़ी संख्या में होने वाली मौतों के लिए सरकारी कार्रवाई और छात्र जागरूकता दोनों को शामिल करते हुए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। एक साथ काम करके, हम सभी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक सुरक्षित और अधिक सहायक वातावरण बना सकते हैं।
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