59 Views

ट्रूडो की अपरिपक्व बयानबाजी से एक और देश नाराज़

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पिछले कुछ समय से किसी नासमझ और नौसिखिए गली मोहल्ले के नेता की भांति बयान बाजी कर रहे हैं। उनके अपरिपक्व बयानों के कारण भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका आदि के बाद अब एक और महत्वपूर्ण देश नाराज हो गया है।
इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष के बारे में अपनी टिप्पणियों पर कैनेडियन प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो की तीखी आलोचना की है।
बुधवार को जारी एक बयान में, नेतन्याहू ने ट्रूडो पर इज़राइल के खिलाफ “निराधार आरोप” लगाने और “संघर्ष की जटिलताओं को समझने में विफल रहने ” का आरोप लगाया।
आपको बता दें कि ट्रूडो ने एक साक्षात्कार में कहा कि वेस्ट बैंक में इज़राइल की कार्रवाई “अवैध” थी और देश की निपटान नीति शांति प्राप्त करने में “सहायक नहीं” थी। इसी बात से इज़रायल खफा हो गया है।
दरअसल हमास द्वारा इजरायली क्षेत्र पर किए गए बार-बार हमले के बाद से ही इजरायली सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है। लगभग डेढ़ महीने में इस युद्ध में १५,००० लोग मारे गए हैं जिनमें बड़ी संख्या बच्चों और महिलाओं की है। टोरंटो, ओटावा, वैंकूवर सहित देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों में युद्ध के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किया जा रहे हैं। ऐसे में देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखना एक चुनौती सिद्ध हो रहा है। इस मौके पर वैश्विक राजनीति तथा देश की स्थिति को देखते हुए जहां संयमित बयान और व्यवहार करने की आवश्यकता है, वहीं प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के शब्द कहीं ना कहीं दिलों में दूरियां पैदा कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ पिछले अनेक मौकों पर देखा गया है।
सवाल यह है कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो क्या अपना पद संभालने के लायक नहीं रह गए हैं अथवा उन्हें अब प्रधानमंत्री पद से अधिक रुचि किन्हीं अन्य कार्यों में होने लगी है। यदि ऐसा है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर किसी मजबूत राजनेता के हाथ में बागडोर सौंप देनी चाहिए। अन्यथा उनकी गलतियों का खामियाजा आम कैनेडियन नागरिकों को भुगतना पड़ सकता है।

Scroll to Top