नई दिल्ली ,०७ अक्टूबर। भारत में आगामी त्योहारी सीजन के देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम जनता को तोहफा देते हुए दरों को बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने शुक्रवार को विकास अनुमान को यथावत बनाए रखते हुए नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया और रेपो दर को ६.५ प्रतिशत पर यथावत रखने का निर्णय लिया। इससे आम लोगों के घर, कार और अन्य प्रकार के ऋणों की किस्तों में बढोतरी नहीं होगी।
चालू वित्त वर्ष में चौथी द्विमासिक तीन दिवसीय बैठक के बाद जारी बयान में यह घोषणा की गई। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि फिलहाल नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है, लेकिन नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखने के बीच समिति ने समयोजन वाले रूख से पीछे हटने का निर्णय लिया है।
समिति के इस निर्णय के बाद फिलहाल नीतिगत दरों में बढोतरी नहीं होगी। रेपो दर ६.५० प्रतिशत, स्टैंडर्ड जमा सुविधा दर (एसडीएफआर) ६.२५ प्रतिशत, मार्जिनल स्टैंडिंग सुविधा दर (एमएसएफआर) ६.७५ प्रतिशत, बैंक दर ६.७५ प्रतिशत, फिक्स्ड रिजर्व रेपो दर ३.३५ प्रतिशत, नकद आरक्षित अनुपात ४.५० प्रतिशत, वैधानिक तरलता अनुपात १८ प्रतिशत पर यथावत है।
दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में आयी सुस्ती के बीच सशक्त और मजबूत बना हुआ और यह महंगाई को काबू में करने में सक्षम है।। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान को ६.५ प्रतिशत पर यथावत रखा है। इसके आधार पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ६.५ प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में यह ५.९ प्रतिशत रह सकती है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह ६.६ प्रतिशत रह सकती है।
