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कैनेडियन हिंदू संगठन ने की हिंदूफोबिया के ख़िलाफ़ कानून बनाने की मांग

टोरंटो,०६ अक्टूबर। कैनेडियन हिंदू संगठन हाउस ऑफ कॉमन्स पर एक कानून पारित करने के लिए अपना प्रयास तेज कर रहे हैं जिसके तहत देश में बढ़ते हिंदूफोबिया को पहचान कर हिंदू विरोधी भावना पर रोक लगाई जाए।
हिंदूफोबिया याचिका ई-४५०७ जुलाई में कैनेडियन ऑर्गेनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन के निदेशक विजयकुमार जैन द्वारा लॉन्च की गई थी। इसे अब तक २३,७०० से अधिक हस्ताक्षर प्राप्त हो चुके हैं।
हिंदूफोबिया के खिलाफ एक विधेयक विकसित करने और पारित करने की वकालत करने वालों का कहना है कि भारत और कैनेडा के बीच मौजूदा राजनयिक संकट के दौरान कैनेडा में हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में सिख्स फॉर जस्टिस का जनरल काउंसिल और भारत द्वारा घोषित आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नून हिंदुओं से कैनेडा छोड़ने की धमकी दे रहा है।
पंडित रूपनाथ शर्मा द्वारा हस्ताक्षरित हिंदू फेडरेशन के एक पत्र में कहा गया है, “हम इस बात से बहुत परेशान हैं कि इन बयानों ने खालिस्तानी चरमपंथियों को सोशल मीडिया पर हिंदुओं को धमकी देने वाले सार्वजनिक बयान देने के लिए सशक्त और प्रोत्साहित किया है।”
“ऐसी धमकियों के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में, हिंदू अपने दैनिक जीवन में आघात महसूस कर रहे हैं, और महिलाएं और बच्चे अपने घरों और सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।”
हिंदूफोबिया के खिलाफ एक संघीय विधेयक की वकालत करने के अलावा, हिंदू विरासत संगठन मार्च २०२३ में टोरंटो डिस्ट्रिक्ट स्कूल बोर्ड में पारित एक जाति प्रस्ताव का विरोध कर रहा है।
शर्मा ने कहा, “हमने टीडीएसबी प्रस्ताव के कार्यान्वयन की योजना का विरोध किया, जिसमें स्कूलों में सभी छात्रों और कर्मचारियों को यह झूठ सिखाना शामिल था कि हिंदू धर्म स्पष्ट रूप से दूसरों पर अत्याचार करना सिखाता है।”
कैनेडियन ऑर्गनाइजेशन फॉर हिंदू हेरिटेज एजुकेशन की अध्यक्ष रागिनी शर्मा का कहना है कि उन्हें नियमित रूप से हिंदुओं के फोन और ईमेल आते हैं, जिन्हें बिंदी पहनने को लेकर उपहास का सामना करना पड़ता है।

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