संयुक्त राष्ट्र ,३० सितंबर। संंयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान में पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का परिणाम बताया है। पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बड़े पैमाने पर समर्थन की जरूरत है और वह इसका हकदार भी है। मैं दानदाताओं से और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का आह्वान करता हूं।
उन्होंने कहा कि मामले में इस्लामाबाद को ८१६ मिलियन डॉलर में से केवल ६९ प्रतिशत ही प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान अभी भी फंड का इंतजार कर रहा है और देरी से लोगों का जीवन और कठिन हो जाएगा।
पाकिस्तान की बाढ़ को जलवायु परिवर्तन से जोडऩे की की बात करते हुए उन्होंने कहा, देश ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के एक प्रतिशत से भी कम के लिए जिम्मेदार है, लेकिन इसके लोगों को जलवायु संबंधी प्रभावों से अन्य जगहों के लोगों की तुलना में १५ गुना अधिक भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से लीबिया से लेकर हॉर्न ऑफ अफ्रीका, चीन, कैनेडा और उससे आगे तक के लोग प्रभावित हैं। पाकिस्तान जलवायु अराजकता की भविष्यवाणी का एक उदाहरण है।
उन्होंने कहा, विकसित देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों के लिए ग्रीन क्लाइमेट फंड में १०० बिलियन अमेरिकी डॉलर देने होंगे। महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने मोरक्को और लीबिया में बाढ़ का जिक्र किया और कहा, दोनों दुखद घटनाएं एक गंभीर स्थिति की ओर से ध्यान खींचती हैं। जलवायु परिवर्तन की कोई सीमा नहीं है, और इससे प्रभावित देशों और समुदायों के प्रति हमारे वादे दृढ़ रहने चाहिए। उन्होंने कहा, दो दशकों में जलवायु संबंधी आपदाएं लगभग दोगुनी हो गई हैं, हमें रोकथाम और तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करके आपदा जोखिम को कम करने के लिए दृढ़ प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, पाकिस्तान की बाढ़ अनियंत्रित जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी परिणामों की याद दिलाती है।
