नई दिल्ली ,१२ सितंबर । आईआईटी दिल्ली की एक प्रोफेसर के हिंदुत्व को लेकर आपत्तिजनक बोल सामने आए हैं। आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर ने एक विदेशी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कहा है कि भविष्य का भारत हिंदुत्वविहीन होगा। प्रोफेसर का वीडियो वायरल होने के बाद इस पर विवाद बढ़ गया है।आईआईटी दिल्ली में सोशल साइंस डिपार्टमेंट की असोसिएट प्रोफेसर दिव्या द्विवेदी ने जी२० से जुड़े एक चर्चा के दौरान यह विवादित बातें कहीं। उन्होंने फ्रांस-२४ से कहा, ‘दो भारत हैं, एक भारत पुराना है, जिसमें बहुसंख्यक आबादी को दबाने वाली जातिवादी व्यवस्था है। फिर एक भविष्य का भारत है जिसमें जातिवादी शोषण और हिंदुत्व नहीं होगा। यह वह भारत है जिसे अभी तक प्रस्तुत नहीं किया गया लेकिन इंतजार कर रहा है, दुनिया को अपना रूप दिखाने की चाहत है।’ फ्रांस-२४ के पत्रकार ने जब भारत की आर्थिक प्रगति की बात की और कहा कि एक रिक्शाचलाने वाले को भी टेक्नॉलॉजी विकास का लाभ मिला है, तो द्विवेदी ने कहा कि इस तरह की बातें मीडिया ने गढ़ी हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ३००० सालों के जातिगत नस्लीय व्यवस्था से बना है, जहां ऊंची जाति के १० फीसदी लोग ९० फीसदी शक्तिशाली पदों पर काबिज रहे। यह आज भी जारी है। ‘
जब यह पूछा गया कि क्या इस तरह की असमानता जी२० देशों नहीं है, द्विवेदी ने कहा भारत में यह नस्लीय उत्पीडऩ, बहिष्कार और हिंदू धर्म के रूप में एक फर्जी प्रतिनिधित्व से जटिल हैं।
द्विवेदी के बयान पर सोशल मीडिया पर घमासान छिड़ गया। बहुत से ‘एक्स’ यूजर्स ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताते हुए आरोप लगाया कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ नफरत फैला रही हैं।
