सोल ,३० अगस्त । देश के महासागर मंत्रालय ने कहा कि जापान द्वारा अपने बंद पड़े फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र से (ट्रीटमेंट के बाद) दूषित पानी छोड़े जाने के बावजूद दक्षिण कोरिया के पास समुद्री जल में रेडिएशन स्तर सुरक्षित सीमा के भीतर पाया गया है। उपमहासागर मंत्री पार्क सुंग-हून ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि अपने क्षेत्रीय जल और ऊंचे समुद्रों में चार स्थानों पर मंत्रालय के इमरजेंसी टेस्ट से पता चला कि सीजियम और ट्रिटियम का एकाग्रता स्तर पीने के पानी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानक से काफी नीचे है।
दक्षिण कोरियाई सरकार ने २४ अगस्त के बाद से पानी में लगभग ३० स्थानों पर इमरजेंसी रेडिएशन टेस्ट किए हैं। जापान ने परमाणु बिजली संयंत्र से रेडियोएक्टिव वाटर को समुद्र में छोडऩा शुरू किया, और सभी नमूने सुरक्षा मानकों पर खरे उतरे हैं। पार्क ने कहा, घरेलू समुद्री भोजन या आयातित समुद्री उत्पादों में अब तक कोई रेडिएशन नहीं पाया गया है।
विवादास्पद रिलीज के संभावित प्रभाव के बारे में सरकार ने टेस्टिंग प्वाइंट्स की संख्या ९२ से बढ़ाकर २०० कर दी है और अगले साल इसे २४३ करने का संकल्प लिया।
जापान ने २३ अगस्त को पड़ोसी देशों की स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी चिंताओं के बावजूद दूषित पानी के निर्वहन की शुरुआत की। यह प्रक्रिया तीन दशकों से अधिक समय तक चलने की उम्मीद है।
परमाणु संयंत्र में संग्रहीत १० लाख टन से अधिक पानी अगले ३० साल में डिस्चार्ज हो जाएगा।
जापान में ११ मार्च २०११ को ९.० तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आई सुनामी से प्रभावित फुकुशिमा संयंत्र को कोर मेल्टडाउन का सामना करना पड़ा, जिससे रेडिएशन हुआ, जिसके चलते स्तर -७ परमाणु दुर्घटना हुई, जो अंतर्राष्ट्रीय परमाणु और रेडियोलॉजिकल इवेंट स्केल पर सबसे ज्यादा है।
संयंत्र रिएक्टर बिल्डिंग में परमाणु ईंधन को ठंडा करने से रेडियोएक्टिव पदार्थों से दूषित पानी की भारी मात्रा उत्पन्न हो रही है, जिसे अब लगभग १,००० भंडारण टैंकों में संग्रहीत किया जा रहा है।
प्लांट संचालक टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टीईपीसीओ) ने कहा कि वह अगले १७ दिन में ७,८०० टन रेडियोएक्टिव वेस्ट वॉटर का पहला राउंड जारी करने की योजना बना रही है।
टीईपीसीओ के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष में अगले मार्च तक कुल ३१,२०० टन डिस्चार्ज किया जाना है, जो ३० टैंकों की भंडारण क्षमता के बराबर है।
संयंत्र से एक किमी दूर एक पानी के नीचे सुरंग के माध्यम से छोड़े जाने से पहले रेडियोएक्टिव वेस्ट वॉटर को योजना के अनुसार पतला कर दिया गया है।
