नई दिल्ली ,३० अगस्त । जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल ३७० को खत्म करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में २९ अगस्त को १२वें दिन की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर को दो अलग यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटने का कदम अस्थायी है। जल्द ही दोनों केंद्र शासित प्रदेशों को वापस एक राज्य बना दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि चुनाव कब करवाए जाएंगे।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि आखिर किस तरह अनुच्छेद-३६७ में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेटस हटाया जा सकता है? क्या जम्मू-कश्मीर राज्य की सहमति जरूरी नहीं थी? जब दूसरा पक्ष ( जम्मू-कश्मीर विधानसभा) मौजूद नहीं था, तब सहमति कैसे मिली! क्या अनुच्छेद-३७० को हटाने के लिए एक तरीके से अनुच्छेद-३७० का इस्तेमाल किया जा सकता है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अनुच्छेद-३७० का प्रावधान हटने से मनोवैज्ञानिक असमानता दूर हो गई है, एकता लाने के किसी भी कदम का स्वागत किया जाना चाहिए। संशोधन संसद की इच्छा के माध्यम से व्यक्त की गई लोगों की इच्छा है।
