ओटावा,०१ अगस्त। कैनेडियन डॉलर २० साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जब यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले १.२९ सेंट पर कारोबार कर रहा था। कैनेडियन डॉलर में यह वृद्धि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और अमेरिकी डॉलर के मूल्य में गिरावट के कारण हुई है।
कच्चे तेल की कीमतें इस सप्ताह १०० डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई हैं, जो २०१४ के बाद से सबसे अधिक है। ऊंची तेल की कीमतों से कैनेडा के निर्यात को बढ़ावा मिलता है, जो देश के लिए आय का एक बड़ा स्रोत है।
आपको बता दें कि अमेरिकी डॉलर का मूल्य इस सप्ताह गिर गया है, क्योंकि निवेशक अमेरिकी केंद्रीय बैंक से अधिक आक्रामक ब्याज दर वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। ब्याज दरों में वृद्धि अमेरिकी डॉलर के मूल्य को कम करती है, क्योंकि यह निवेशकों के लिए अमेरिकी संपत्ति कम आकर्षक बनाती है।
कैनेडियन डॉलर में वृद्धि कैनेडा के निर्यातकों के लिए एक अच्छा संकेत है, क्योंकि यह उन्हें अमेरिकी बाजारों में अपने उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाता है। हालांकि, यह कैनेडा के आयातकों के लिए एक बुरा संकेत है, क्योंकि यह उनके लिए आयात अधिक महंगा बनाता है।
कैनेडियन डॉलर में वृद्धि का कैनेडा के अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ने की संभावना है। डॉलर में वृद्धि कैनेडा के निर्यात को बढ़ावा देगी और आयात को कम करेगी, जिससे देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। डॉलर में वृद्धि भी कैनेडा के मुद्रास्फीति को कम करने में मदद करेगी, क्योंकि यह आयातित वस्तुओं की लागत को कम करेगी।
हालांकि, डॉलर में वृद्धि का कैनेडा के अर्थव्यवस्था पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ने की भी संभावना है। डॉलर में वृद्धि कैनेडा के उपभोक्ताओं के लिए आयातित वस्तुओं को अधिक महंगा बना देगी, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। डॉलर में वृद्धि कैनेडा के निवेशकों के लिए अमेरिकी संपत्ति को अधिक आकर्षक बना देगी, जिससे कैनेडा से पूंजी का पलायन हो सकता है।



