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The bill to increase the retirement age became law in France, - Macron government won both the no-confidence votes; People's protest continues

फ्रांस में रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने वाला बिल बना कानून, – मैक्रों सरकार ने दोनों अविश्वास मत जीते; लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी

पेरिस,२१ मार्च। कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक घमासान के बीच फ्रांस की सरकार दोनों अविश्वास मत जीत गई है। दर्शन फ्रांसीसी संसद में रिटायरमेंट आयु बढ़ाने को लेकर फ्रांस सरकार के खिलाफ दो अविश्वास प्रस्ताव लाए गए थे। इसी के साथ रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने वाला बिल अब कानून बन गया है। इसके तहत कानूनी तौर पर रिटायरमेंट की आयु ६२ से बढ़कर ६४ हो गई है।
गौरतलब है कि नई पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने का फैसला लिया गया। इस योजना के तहत पूरी पेंशन के लिए जरूरी न्यूनतम सेवा काल की अवधि भी बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने बताया कि नई पेंशन योजना के प्रस्तावों के तहत २०२७ से लोगों को पूरी पेंशन लेने के लिए कुल ४३ साल काम करना होगा। अभी तक ये न्यूनतम सेवा काल ४२ साल था।
सरकार इसे फ्रांस की शेयर-आउट पेंशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में बता रही है। सरकार का कहना है कि काम करने वालों और सेवानिवृत्त लोगों के बीच का अनुपात तेजी से कम हो रहा है। जिसे देखते हुए रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। ज्यादातर यूरोपियन देशों ने रिटायरमेंट की आयु बढ़ाई है। इटली और जर्मनी में रिटायरमेंट की उम्र ६७ साल है। स्पेन में ये ६५ साल है। ब्रिटेन में रिटायरमेंट की उम्र ६६ साल है।
वहीं, बिल के कानून बनने के बाद भी लोगों का प्रदर्शन जारी है। जनता का भरोसा मैक्रों से उठ गया है। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सेंट्रल पेरिस में कचरे की ढेर में आग लगा दी।
पेरिस के सबसे प्रतिष्ठित जगहों में से एक जगह पर जलते हुए कचरे के ढेर को बुझाने के दौरान प्रदर्शनकारियों और फायरमैन में हाथापाई हो गई। पुलिसबल के साथ प्रदर्शनकारियों का चूहे-बिल्ली का खेल चल रहा है।

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