ओटावा,26 अगस्त। कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि अफगानिस्तान में तैनात उनके देश के सैन्य अधिकारी 31 अगस्त की समय-सीमा खत्म होने के बाद भी वहां से कूच नहीं करेंगे। गौरतलब है कि अमेरिका की जो बाइडन सरकार और तालिबान के बीच 31 अगस्त तक बचाव अभियान को पूरा करने लेने पर सहमति जताई गई थी।
कैनेडियन पीएम ट्रूडो ने कहा कि हम तालिबान पर दबाव बनाते रहेंगे कि वह लोगों को वहां से जाने की अनुमति देना जारी रखे। हमारी यह प्रतिबद्धता है कि मौजूदा दौर में अफगानिस्तान का सर्वनाश न होने पाए। हम हरेक दिन अधिकाधिक लोगों को अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वहां से निकालने की कोशिश करते रहेंगे। जी-7 के हमारे अन्य सहयोगियों की भी यही प्रतिबद्धता है कि हम मिलजुल कर अधिकाधिक लोगों को बचाने की कोशिश करेंगे।
ट्रूडो का यह बयान ग्रुप-7 की बैठक के बाद आया है जिसमें नेताओं ने 31 अगस्त की समयसीमा को आगे बढ़ाने पर चर्चा की है। इसी दिन अमेरिकी सेना की वापसी और बचाव अभियान को बंद करने पर तालिबान का जोर और अमेरिका की सहमति है। जबकि अमेरिका समेत अन्य नाटो देशों की सरकारें अपने नागरिकों और उनसे जुड़े अफगान नागरिकों को बाहर निकालने के लिए एयरलिफ्ट अभियान चला रही हैं।
इस बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस वर्चुअल सम्मेलन का आग्रह करके इस विषय पर चर्चा कराई है। कैनेडा भी काबुल एयरपोर्ट से चलाए जा रहे इस सैन्य अभियान का हिस्सा है जिसका नेतृत्व अमेरिकी सेना कर रही है। सोमवार को कैनेडा की सेना का विमान काबुल से 500 से अधिक लोगों को निकाल चुका है। कैनेडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने ट्वीट करके कहा कि जब तक भी हालात साथ देंगे कैनेडा बचाव अभियान की उड़ानें संचालित करता रहेगा। सम्मेलन से पहले ट्रूडो ने यह भी कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से अब उसे दी जाने वाली सहायता राशि पर भी पुनर्विचार करना होगा। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान सरकार बनाने तथा व्यवस्था को अपने हिसाब से बनाने में व्यस्त है। साथ ही उसका रुख पहले की अपेक्षा अभी थोड़ा नरम दिखाई दे रहा है।
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