ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात॥
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात॥ हिंदी अर्थ: यह एक प्राचीन वेद मंत्र है, जिसे गायत्री मंत्र के नाम से जाना जाता है। इस गायत्री मंत्र का अर्थ हिंदी में निम्नलिखित रूप में होता है:
विदत्वं च नृपत्वं च नैव तुल्यं कदाचन! स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते !!
विदत्वं च नृपत्वं च नैव तुल्यं कदाचन! स्वदेशे पूज्यते राजा विद्वान् सर्वत्र पूज्यते !! अर्थात् एक राजा और विद्वान की कभी कोई तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि एक राजा को केवल उसके राज्य में सम्मान मिलता है वहीं एक