बांह छुड़ाये जात हो…..
एक बार सूरदास जी कहीं जा रहे थे….चलते चलते मार्ग में एक गढ्ढा आया और सूरदास जी उसमे गिर गए और जैसे ही गढ्ढे में गिरे तो किसको पुकारते ? अपने कान्हा को पुकारने लगे, भक्त जो ठहरे ! एक
मिलावटी मिठाइयां : कहीं रंग में भंग न कर दें
सुशील देव त्योहार कोई भी हो, मीठा न हो तो सब फीका रह जाता है। मगर इस मीठे की जगह जहर हो तो कल्पना कीजिए, क्या होगा? सब रंग-भंग हो जाएगा। इस दीपावली में कहीं ऐसा न हो कि आप