नई दिल्ली। यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ के सचिव आरएसके सुमन और परीक्षा प्रभारी भारत सिंह चौहान को हत्या और नरबलि की धमकी मिली है। स्पीड पोस्ट से आए चार पेज के धमकी भरे पत्र में दोनों अफसरों को कुछ छात्रों का अनुक्रमांक नंबर जारी नहीं करने के लिए जिम्मेदार बताया गया है। पत्र में सात फरवरी तक का वक्त दिया है और इसके बाद अंजाम भुगतने की धमकी दी गई है। पत्र मिलने के बाद विभागीय अधिकारी दहशत में हैं। उन्होंने पुलिस अफसरों को फोन पर शिकायत दर्ज कराई है। क्षेत्रीय सचिव आरएसके सुमन ने बताया, मंगलवार शाम स्पीड पोस्ट के जरिये एक डाक कार्यालय को प्राप्त हुई। स्पीड पोस्ट के लिफाफे पर कार्यालय के परीक्षा प्रभारी भारत सिंह चौहान का नाम लिखा था। आगरा कैंट के डाकघर से भेजे गए स्पीड पोस्ट पर भेजने वाले का नाम देवाशीष चौबे, बड़ा फाटक धौली प्याऊ, जिला मथुरा लिखा हुआ है।
पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2014 के बाद हाईस्कूल-इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं के परीक्षा फार्म ऑनलाइन कर दिए गए। इसमें 4-बी कैटेगरी में आने वाले छात्रों का खूब शोषण हुआ। इस कैटेगरी में वे छात्र आते हैं, जिन्होंने 9वीं या 11वीं किसी अन्य स्कूल/बोर्ड से की है और 10वीं-12वीं की पढ़ाई वे किसी दूसरे स्कूल/बोर्ड से करना चाहते हैं। पत्र के मुताबिक मथुरा, आगरा, हाथरस, अलीगढ़, एटा, मैनपुरी आदि जिलों में प्रधानाचार्यों ने ऐसे छात्रों के सही होने के संबंध में साक्ष्य भी दिए। इसके बावजूद ऐसे करीब आठ हजार छात्र-छात्राओं को फर्जी करार देते हुए यूपी बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी गई। आरोप है कि जिन छात्रों ने रुपये दिए, सिर्फ उन्हंन ही अनुक्रमांक नंबर जारी किया गया। पत्र में कहा गया है कि कुछ अधिकारियों के मनमाने रवैये से मैनेजमेंट के इंटर कॉलेजों को भारी नुकसान पहुंचा है। लाल रंग के पैन से लिखे पत्र में सीधे तौर पर कहा गया है कि आपमें से किसी एक का मर्डर सुनिश्चित है। चाहें कैसा भी इंतजाम कर लें। ये लाल स्याही इसी रक्तपात का स्पष्ट संकेत है। कहा गया है कि आगरा में तो जेल काटकर बच गए, लेकिन इस बार मेरठ में नरबलि निश्चित है…सिर्फ सात फरवरी की प्रतीक्षा में। सो, बी रेडी फोर रेड शो…। करीब एक माह पहले आठ हजार ऐसे फर्जी छात्रों का डेटा डिलीट किया गया था, जो मध्यप्रदेश-राजस्थान के फर्जी दस्तावेज के सहारे यूपी बोर्ड के इंटर कॉलेजों से 12वीं की परीक्षा देने के प्रयास में थे। ऐसे छात्रों का साठगांठ से रजिस्ट्रेशन करने वाले आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़ आदि जिलों के इंटर कॉलेज थे। साक्ष्य के आधार पर करीब छह सौ छात्रों को अनुक्रमांक नंबर भी आवंटित किए गए। फर्जी छात्रों का रजिस्ट्रेशन रद करने से साठगांठ में लिप्त इंटर कॉलेजों को भारी नुकसान पहुंचा है। इसलिए वे तरह-तरह से धमकियां दे रहे हैं। धमकी भरी चिट्ठी के संबंध में पुलिस अधिकारियों से वार्ता हो गई है। बुधवार को लालकुर्ती थाने में तहरीर दी जाएगी।
