केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भाजपा की फायरब्रांड राजनीति की मस्कट हैं। उन्होंने राहुल गांधी को अमेठी सीट पर हराया है और नेहरू-गांधी परिवार के खिलाफ हमले की बागडोर वे संभालती रही हैं। लेकिन उनकी बेटी के ऊपर गैरकानूनी बार चलाने का आरोप लगा और विवाद बढ़ा तो वे कांग्रेस पार्टी से अकेले ही लड़ रही हैं। पार्टी के दूसरे नेता उनके समर्थन में नहीं उतरे हैं। न किसी नेता या प्रवक्ता ने उनके समर्थन में प्रेस कांफ्रेंस की, न किसी ने बयान दिया और न ट्विटर पर कोई अभियान चला। स्मृति ईरानी ने इस विवाद को राजनीतिक रूप भी दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव हराया और नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस की इसलिए उनकी बेटी को निशाना बनाया जा रहा है।
इसके बावजूद भाजपा के नेता कांग्रेस विरोध में नहीं उतरे और उनका बचाव किया। बाद में ईरानी ने कांग्रेस नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने उस पर ध्यान नहीं दिया। इसलिए ऐसा लग रहा है कि उस मामले में आगे कानूनी लड़ाई चलेगी। उधर गोवा में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता उस बार तक प्रदर्शन करने पहुंच गए, जिसके बारे में उनका दावा है कि यह बार स्मृति ईरानी की बेटी का है। उन्होंने वहां पहुंच कर खूब ड्रामा किया और डिस्प्ले बोर्ड पर चिपकाया गया काला कागज उखाड़ कर दिखाया कि विवाद शुरू होने के बाद डिस्प्ले बोर्ड पर लिखे गए बार शब्द को ढक दिया गया था। कांग्रेस नेताओं के इस प्रदर्शन के विरोध में गोवा भाजपा के नेता सड़क पर नहीं उतरे, जबकि वहां भाजपा की सरकार है। इस पूरे विवाद में राजनीतिक पहलू होने के बावजूद ऐसा लग रहा है कि उनको अकेले ही यह लड़ाई लडऩी होगी।
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