113 Views

साल खत्म होते-होते आ जाएगा सेट-टॉप बॉक्स का पोर्टेबिलिटी सिस्टम

नई दिल्ली। अपने केबल ऑपरेटर या डीटीएच कंपनी से परेशान हैं, फिर भी मोबाइल सिम की तरह अपना सर्विस प्रवाइडर नहीं बदल सकते। हालांकि, ऐसी स्थिति लंबे वक्त तक नहीं रहने वाली। टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राइ) 2019 के आखिर तक ऐसी व्यवस्था लाने जा रहा है जिससे आप सेट-टॉप बॉक्स में भी अपनी मर्जी की कंपनी का कार्ड लगा पाएंगे। इससे उन लाखों ग्राहकों को ऑपरेटर चुनने की आजादी मिल जाएगी जो अपने मौजूदा ऑपरेटर से परेशान हैं।
ट्राइ के चेयरमैन आर. एस. शर्मा से जब टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस संबंध में सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘मैं इस पर काम कर रहा हूं। यह होगा।’ उन्होंने कहा, ‘निश्चिंत रहिए। हम इंटर-ऑपरेबल सेट-टॉप बॉक्स की व्यवस्था करके रहेंगे।’ डीटीएच ऑपरेटर्स और केबल सर्विस देने वाले ट्राइ के इस कदम का तीखा विरोध कर रहे हैं। इस वजह से ट्राइ को नई व्यवस्था लागू करने में मुश्किल हो रही है। कॉन्टेंट डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां अक्सर दलील दिया करती हैं कि ऑपरेटर बदलने की सुविधा दे पाना मुश्किल है क्योंकि हरेक ऑपरेटर के सेट-टॉप बॉक्स एनक्रिप्टेड होते हैं और इसमें छेड़छाड़ करने से एक-दूसरे में सेंधमारी की आशंका पैदा होगी। इस संबंध में देश के दो सबसे बड़े डीटीएच सर्विस प्रवाइडर्स डिश टीवी और टाटा स्काइ को भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला। हालांकि, कॉन्टेंट डिस्ट्रिब्यूशन इंडस्ट्री के अधिकारी कहते हैं कि हरेक सेट-टॉप बॉक्स में अलग-अलग सॉफ्टवेयर और कॉन्फिगरेशन होते हैं, इसलिए उन्हें दूसरी कंपनी की सेवाओं के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
हालांकि, ट्राइ चेयरमैन का कहना है कि सेट-टॉप बॉक्स को पहले से ही किसी खास कंपनी का सॉफ्टवेयर लोड करके बेचने की जगह ऐसा तरीका अपनाया जाएगा जिसमें बॉक्स को खरीदने के बाद सॉफ्टवेयर डाउनलोड की अनुमति हो। शर्मा ने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर आप मार्केट से एक न्यूट्रल सेट-टॉप बॉक्स खरीदेंगे जो किसी खास कंपनी का नहीं होगा। उसके बाद आप जिस कंपनी की सेवा लेंगे, उसका सॉफ्टवेयर बॉक्स में डाउनलोड हो जाएगा।’ ट्राइ इसका समाधान निकालने के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ बाहरी सलाहकारों के साथ काम कर रही है। शर्मा ने बताया, ‘हम अपने स्तर से एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। यह तकनीकी समस्या है, इसलिए हमने इस काम में सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स (CDoT) और दूसरे संस्थानों को शामिल कर रखा है।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि साल के आखिर तक काम पूरा हो जाएगा तो शर्मा ने कहा, ‘प्रॉजेक्ट पर काम चल रहा है। हालांकि, हमने वास्तव में जितना सोचा, यह उससे ज्यादा समय ले रहा है। काम जारी है… मैं सुनिश्चत करूंगा कि यह एक साल के अंदर पूरा हो जाए।’ अभी देश में 16 करोड़ पे-टीवी सब्सक्राइबर्स हैं और ज्यादातर सेट-टॉप बॉक्स कंपनी से बंधे हैं। चूंकि, अभी दूसरी कंपनी की सेवा लेने के लिए दोबारा नया डीटीएच खरीदना होगा, इसलिए खराब सर्विस के बावजूद मौजूदा कंपनी में ही बने रहना उनकी मजबूरी है। लेकिन, एक बार पोर्टेबिलिटी की सुविधा आ गई तो सेट-टॉप बॉक्स मोबाइल डिवाइस जैसा हो जाएगा जिसमें जिस कंपनी की चाहें, उसमें सिम कार्ड की तरह सेट-टॉप बॉक्स कार्ड बदल सकते हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top