अवंतिपोरा। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जिस जगह सीआरपीएफ जवानों पर आतंकवादी हमला हुआ, वहां सड़क पर गड्ढा बन गया है। कुछ ऊंचाई पर एक कब्रिस्तान बना हुआ है। सीआरपीएफ के जवान ठंड के इस मौसम में उस जगह की सुरक्षा कर रहे हैं, जहां गुरुवार को 40 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी। हादसे की जगह, जवानों के सुरक्षा घेरे में है। विस्फोट से बने गड्ढे के चारों तरफ गोल घेरा बना दिया गया है और किसी को भी वहां जाने से रोका जा रहा है। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्टर जब वहां गए तो जवानों ने उन्हें भी रोका। हालांकि हमले के बारे में पूछने पर एक जवान भावुक हो गया और बताया, ‘गुरुवार को मेरा साथी जवान बिल्कुल इसी जगह पर था, जहां मैं इस वक्त खड़ा हूं। वह मेरा बैरेक पार्टनर था और आत्मघाती हमले में शहीद हो गया।’
बुलेटप्रूफ जैकेट पहने खड़े एएसआई देशराज अपने साथी मदन शर्मा को याद करते हुए भावुक हो गए। मदन गुरुवार को हाइवे किनारे खड़े होकर सीआरपीएफ के काफिले को एस्कॉर्ट कर रहे थे। देशराज और मदन काफी अच्छे दोस्त थे। वे ड्यूटी से लेकर अपनी लाइफस्टाइल और हंसी मजाक साथ में ही करते थे। देशराज ने मदन को याद करते हुए कहा, ‘हम सभी मदन को चिकन खाने की पेशकश करते थे, लेकिन उन्होंने कभी भी शाकाहारी खाना नहीं छोड़ा। हम सब उन्हें पंडित जी कहकर बुलाते थे।’ गुरुवार को दुर्भाग्यपूर्ण हादसे से एक दिन पहले देशराज को घटनास्थल से 50 मीटर दूर तैनात किया गया था। वह एक बुलेटप्रूफ गाड़ी के पास खड़े थे, जबकि उनकी जगह पर मदन को ड्यूटी पर तैनात किया गया था। देशराज ने मदन के साथ यादों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम पिछले 10 महीनों से साथ में थे और फेवरिट टीवी शो से लेकर लिटरेचर तक की बातें करते थे। मैं दिल्ली से हूं, जबकि वह देहरादून के थे। उस दिन मैं अगली पोस्ट पर खड़ा था, जबकि वह सीआरपीएफ की गाड़ियों की सुरक्षा में किनारे खड़े थे। अब मैं उनके बिस्तर को खाली देखता हूं तो…’ यह कहते-कहते देशराज रुक गए और उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे।
