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श्रीलंका को भारत देगा खाद ताकि फसल न हो बर्बाद

कोलंबो ,०३ जून । भारत ने भोजन की कमी से बचने के लिए श्रीलंका को उर्वरक आपूर्ति का भरोसा दिया है। श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे के ऑफिस ने बताया है कि भारत ने श्रीलंका को उर्वरक आपूर्ति का आश्वासन दिया है ताकि कर्ज में डूबे देश को फसल के नुकसान और सबसे खराब आर्थिक संकट से होने वाली गंभीर खाद्य कमी को दूर करने में मदद मिल सके।

राजपक्षे बोले मोदी ने दिया था आश्वासन

राष्ट्रपति राजपक्षे ने अगले फसल कटाई के मौसम की आवश्यकताओं पर सिंचाई अधिकारियों के एक समूह के साथ बात करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें अगले खेती के मौसम के लिए उर्वरक आपूर्ति का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि भारतीय लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत आपूर्ति की जाएगी और खेप के कोलंबो पहुंचने के २० दिनों के भीतर वितरित की जाएगी।

५० फीसद फसल का हो गया था नुकसान

खेती में गिरावट के बाद कृषि बाजार में किसी भी व्यवधान से बचने के लिए श्रीलंका अपने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने का लक्ष्य बना रहा है। याला श्रीलंका में धान की खेती का मौसम है जो मई से अगस्त के बीच रहता है। श्रीलंकाई सरकार ने पिछले साल ऑर्गनिक कृषि की ओर चरणबद्ध परिवर्तन के तहत रासायनिक उर्वरकों पर प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में ऑर्गनिक उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति की कमी से कृषि उत्पादन, विशेष रूप से चावल और चाय बुरी तरह से प्रभावित हुए और करीब ५० फीसद फसल के नुकसान के कारण भोजन की कमी का कारण बना।

गोताबाया राजपक्षे ने मानी थी गलती

गोताबाया राजपक्षे ने कुछ हफ्ते पहले स्वीकार किया था कि रासायनिक उर्वरकों को १०० फीसद आर्गेनिक करने पर प्रतिबंध लगाने का उनका फैसला गलत था। किसानों ने चेतावनी दी है कि देश में चल रहे आर्थिक संकट में मध्य अगस्त तक भोजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि पिछले महीने, भारत ने श्रीलंका को धान की खेती के लिए तुरंत ६५,००० मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया था।

श्रीलंका की लगातार मदद कर रहा है भारत

श्रीलंकाई हाई कमीशन ने एक बयान में कहा कि भारत से यूरिया के निर्यात पर प्रतिबंध के बावजूद भारत सरकार ने श्रीलंका सरकार के अनुरोध पर श्रीलंका को यूरिया की आपूर्ति करने का फैसला किया है। भारत ने कर्ज में डूबे श्रीलंका को इस साल जनवरी से कर्ज, क्रेडिट लाइन और क्रेडिट स्वैप के जरिए ३ बिलियन अमरीकी डालर से अधिक की मदद की है।

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